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शिवसेना सांसद अनिल देसाई को रविवार एक असहज स्थिति से दो-चार होना पड़ा. रविवार सुबह अनिल देसाई के पास मातोश्री से फोन आया कि उन्हें दिल्ली जाना है कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने. इससे ठीक एक दिन पहले देसाई ने पत्रकारों को बताया था कि वो दिल्ली नहीं जाएंगे. आखिरकार देसाई दिल्ली तो गए लेकिन एयरपोर्ट से ही वापस मुंबई के लिए रवाना हो गए.
शिवसेना के सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का फोन आया. बताया जा रहा है कि शाह से बात होने के बाद उद्धव ने देसाई को दिल्ली रवाना होने के लिए कहा. अनिल देसाई का कैबिनेट मंत्री बनना तय नजर आ रहा था. देसाई रविवार सुबह पत्नी के साथ दिल्ली के लिए रवाना भी हो गए, लेकिन पूरा घटनाक्रम अचानक से बदला और देसाई को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही रुकने को कहा गया है. ठाकरे ने भी पत्रकारों से बात करते हुए यह बात मानी कि उन्होंने देसाई को शपथ ग्रहण में जाने से रोका था.
दरअसल बीजेपी ने शिवसेना को कहा कि अनिल देसाई को राज्य मंत्री बनाया जाएगा . इसके छह महीने बाद शिवसेना को एक और राज्यमंत्री का पद दिया जाएगा. यहां तक बात बनती हुई नजर आ रही था, लेकिन शिवसेना प्रमुख सबसे ज्यादा आहत, शिवसेना के पूर्व सांसद सुरेश प्रभु को कैबिनेट मंत्री बनाने के फैसले से हुए. बीजेपी ने हालांकि शिवसेना को कहा था कि प्रभु को शिवसेना के कोटे से बाहर रखकर मंत्रिमंडल में शामिल कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से शिवसेना को बताए बिना प्रभु ने पार्टी की सदस्यता छोड़ी और बीजेपी में शामिल हुए इससे ठाकरे को बहुत चोट पहुंची. गौरतलब है कि रेलमंत्री बनाए गए सुरेश प्रभु ने शपथ ग्रहण के ही दिन शिवसेना छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली. इस मामले ने पैचअप की ओर बढ़ रहे शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को फिर से ब्रेकअप के करीब ला दिया.
बीजेपी ने महाराष्ट्र में सत्ता के समीकरणों पर अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दूसरी तरफ शिवसेना महाराष्ट्र में गृह मंत्रालय समेत कई पद चाहती है. शिवसेना को उम्मीद थी कि मोदी कैबिनेट विस्तार के माध्यम से शिवसेना को खुश करने का प्रयास करेंगे. बीजेपी के इरादे कुछ और थे और मोदी के चहेते प्रभु को शिवसेना से वह अपनी पार्टी में ले आई और उन्हें केंद्रीय मंत्री का दर्जा भी दे दिया. इस बीच अनिल देसाई दिल्ली एयरपोर्ट पर मातोश्री से अगले आदेश का इंतजार कर रहे थे. आदेश आया कि उन्हें वापस मुंबई लौटना है. मुंबई एयरपोर्ट पर शिवसेना समर्थकों ने देसाई का स्वागत किया. देसाई के चेहरे पर थकान और खीज एक साथ नजर आ रही थी. देसाई ने पत्रकारों से कहा, 'मैं सिर्फ उद्धव जी की बात रखने और बीजेपी के नियंत्रण का सम्मान रखने के लिए गया था लेकिन जब उन्होंने हमारी कोई बात ही नहीं सुनी तो वहां जाने का मतलब ही नहीं थी.'