
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद जैसे महापुरुषों और क्रांतिकारियों पर अपनी किताबों से कंटेंट घटाने के लिए एनसीईआरटी की खिंचाई की है. साथ ही एनसीईआरटी से ऐसा किए जाने पर जवाब भी मांगा है.
बता दें कि स्वामी विवेकानंद पर 12वीं की इतिहास की किताब में कंटेंट 1250 शब्दों से कम करके 37 शब्द कर दिया गया है. वहीं कक्षा 8वीं की किताब से इसे पूरी तरह हटा दिया गया.
जयपुर के सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने सूचना आयुक्त श्रीधर आर्चायुलू के समक्ष याचिका दायर की थी. उन्होंने एनसीईआरटी किताबों में विख्यात शख्सियत और क्रांतिकारियों के इतिहास को शामिल नहीं करने की आलोचना की है. सिलसिलेवार आरटीआई आवेदनों और लोक शिकायत आवेदनों में राजावत ने दावा किया है कि एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में 36 राष्ट्रीय नेताओं और चंद्र शेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, बटुकेश्वर दत्त, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों पर कंटेंट ही नहीं है.
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने आयोग का रुख किया. सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने सुनवाई के दौरान सीआईसी से कहा है कि हमारी आजादी के योद्धाओं की कीमत पर क्रिकेट के लिए 37 पन्ने देना सही नहीं है.