
45वें कप्तान के तौर पर स्टीव स्मिथ की नियुक्ति ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के हरेक सदस्य को हैरान कर दिया. टीम के अंदर या फिर क्रिकेट के जानकारों को भी ब्रैड हैडिन को माइकल क्लार्क की अनुपस्थिति में कप्तानी दिए जाने की उम्मीद थी. लेकिन सेलेक्टर्स ने क्लार्क की जगह स्मिथ की नियुक्ति से यह संदेश दे दिया है कि वो भविष्य के लिए टीम के कप्तान की नियुक्ति करना चाहते हैं न कि थोड़े समय के लिए. वर्ना वो ब्रैड हैडिन को चुनते.
वैसे भी पिछले महीने ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने यह साफ कर दिया था कि क्लार्क के चोटिल रहते हैडिन को कप्तानी का जिम्मा देना पड़ा तो वो उप-कप्तान की घोषणा नहीं करेंगे क्योंकि ऐसे में एक भविष्य के कप्तान से पर्दा उठ जाएगा. मतलब साफ है कि ऑस्ट्रेलिया के चयनकर्ता पहले से ही स्मिथ को लेकर मन बना चुके थे.
वैसे भी पिछले महीने ही हैडिन के हवाले से एक खबर आई थी कि वो संन्यास लेने की सोच रहा था. लगातार विकेटकीपिंग और बैटिंग से हैडिन एक समय खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से इतना थका हुआ महसूस कर रहे थे कि वो क्रिकेट को अलविदा कहने पर विचार कर रहे थे. हाल के दिनों तक वो चोटों और वजन बढ़ने के कारण परेशान थे. खबर तो यहां तक है कि वो आगामी वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले लेंगे. ऐसे में सेलेक्टर्स के पास एक थका हुआ घोड़ा और नया चुस्त घोड़ा में से चुनने का मौका था और उन्होंने सही घोड़े पर दांव लगाया. क्लार्क चोटिल हैं और हैडिन 37 के और फिर अगले साल वर्ल्ड कप के बाद कई ऑस्ट्रेलियाई सीनियर्स संन्यास ले सकते हैं और ऐसे में किसी युवा को बागडोर देना सही निर्णय दिखता है.
सफल टेस्ट बल्लेबाज हैं स्मिथ
पिछले कुछ सालों में स्मिथ ने एक बल्लेबाज के रूप में खुद को स्थापित किया है. टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद खेली गई 9 पारियों तक स्मिथ ने केवल एक अर्धशतक बनाया था लेकिन उनकी 10वीं
पारी ने यह बता दिया था कि आने वाले वक्त में वो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के नभ में चमकेंगे. 2011 के एशेज सीरीज में सिडनी टेस्ट की इस पारी में स्मिथ ने बनाए तो केवल 54 रन थे लेकिन उन्हें
सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा गया था और वो अंत तक आउट नहीं हुए. मैच ऑस्ट्रेलिया हार गया लेकिन इस पारी के दौरान शांत और दृढ़ स्मिथ को देखकर दिग्गजों को उनका भविष्य दिखने लगा था.
इसके बाद 2013 की एशेज सीरीज में स्मिथ ने ओवल में जो पारी खेली उसे कौन भुला सकता है. स्मिथ ने तब बिना आउट हुए 138 रन बनाए थे. ये सीरीज भी ऑस्ट्रेलिया हार गया लेकिन कई लोगों को वो पारी आज भी याद है. पिछले साल ही एशेज में स्मिथ ने लगातार दो शतक लगाए थे और 5-0 की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
अभी भारत के साथ पहले एडिलेड टेस्ट में वार्नर ने जहां दोनों पारियों में शतक के साथ 247 रन बनाए वहीं स्मिथ ने शतक तो एक ही पारी में लगाया लेकिन रन बनाए 214. मजेदार तो यह रहा कि भारतीय बॉलर्स उन्हें दोनों ही पारियों में आउट नहीं कर सके. पहली पारी में बनाए गए 162 रन उनकी सर्वोच्च पारी भी थी.
आंकड़ो के लिहाज से भी टेस्ट में उनका प्रदर्शन अच्छा है. कुल पांच शतकों और नौ अर्धशतकों के साथ स्मिथ ने खेले गए 23 टेस्ट में 46.03 की औसत से 1749 रन बनाए हैं. अपने करियर के तीन शतक तो उन्होंने इसी साल जड़े हैं. 2014 में अब तक वो सात टेस्ट खेल चुके हैं, इसमें उन्होंने 77.90 की औसत से 4 शतक और चार अर्धशतक के साथ 779 रन बनाए हैं.
ऑस्ट्रेलिया को स्टीव स्मिथ के रूप में नया कप्तान मिल गया है. सेलेक्टर्स का स्मिथ में विश्वास इतना है कि यह संभावना भी जताई जा रही है कि अगर 2015 वर्ल्ड कप तक क्लार्क ठीक नहीं हुए तो वहां भी जॉर्ज बेली पर स्मिथ को ही बतौर कप्तान तरजीह दी जाएगी. खैर वर्ल्ड कप तो अभी दूर है. स्मिथ का फोकस फिलहाल भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज है और पूरी दुनिया के क्रिकेट फैन्स की नजर भी ब्रिसबेन टेस्ट में उनके और उनकी कप्तानी में टीम के प्रदर्शन पर है. तो बागडोर संभालें स्मिथ और बता दें कि वो अपने 44 पूर्ववर्तियों से कमतर नहीं हैं.