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विरोध के बाद भी नहीं बदले उत्तर कोरिया के तेवर, कहा- जारी रखेंगे परीक्षण

उत्तर कोरिया ने कहा है कि वो अपने रॉकेट परीक्षण जारी रखेगा. रविवार को उसके रॉकेट परीक्षण की दुनियाभर ने आलोचना की थी लेकिन इसके बावजूद वो टस से मस होने को तैयार नहीं है.

किम जोंग उन के आदेश पर हुआ परीक्षण किम जोंग उन के आदेश पर हुआ परीक्षण
मोनिका शर्मा
  • सियोल/मॉस्को,
  • 07 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

उत्तर कोरिया ने दूसरों की चेतावनी और आलोचना के बावजूद रॉकेट परीक्षण जारी रखने का फैसला किया है. रविवार को मॉस्को स्थित उत्तर कोरियाई दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वो रॉकेट लॉन्च करना जारी रखेगा.

उत्तर कोरिया ने कहा कि सैटेलाइट क्वांगमियोंगसोंग-4 का लॉन्च दिवंगत नेता किम जोंग-II के नाम पर रखा गया है और ये सफल रहा. इस लॉन्च का आदेश उनके बेटे किम जोंग उन के आदेश पर किया गया था.

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चेतावनी के बावजूद किया परीक्षण
उत्तर कोरिया ने रविवार सुबह लंबी दूरी के रॉकेट लॉन्च किए थे, जिसकी पड़ोसी देशों और अमेरिका ने निंदा की है. अमेरिका के स्ट्रैटेजिक कमांड ने कहा कि कि उसने मिसाइल के स्पेस में जाने का पता लगाया है और दक्षिण कोरियाई सेना ने बताया कि रॉकेट को कक्षा में प्रायोजित कर दिया है. दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया रॉकेट परीक्षण न करने की चेतावनी दी थी. बावजूद इसके, वो नहीं माना.

प्रतिबंधित है परीक्षण
सियोल के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्योंगयांग ने संशोधित योजना की जानकारी शनिवार को इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गनाइजेशन को दी. उत्तर कोरिया द्वारा रॉकेट प्रक्षेपण की दक्षिण कोरिया ने निंदा करते हुए इसे बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का प्रतिबंधित परीक्षण करार दिया है.

अमेरिका-जापान ने की आलोचना
अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के रॉकेट के प्रक्षेपण को ‘अस्थिरताकारक और उकसाने वाला’ करार दिया है, वहीं जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस प्रक्षेपण की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है. व्हाइट हाउस की नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर सुसैन राइस ने एक बयान में कहा, ‘उत्तर कोरिया के मिसाइल एवं परमाणु हथियार कार्यक्रम हमारे करीबी सहयोगियों की सुरक्षा सहित हमारे हितों पर गंभीर खतरा पैदा करते हैं और व्यापक क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को कमजोर करते हैं.’ उधर टोकियो से मिली खबर के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने संवाददाताओं से कहा कि यह प्रक्षेपण ‘बेहद असहनीय’ है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार विरोध के बावजूद किए गए इस प्रक्षेपण को आबे ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘स्पष्ट उल्लंघन’ करार दिया है.

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हाईड्रोजन का भी किया था परीक्षण
इससे पहले उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का भी परीक्षण किया था. इस दौरान 5.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था. हालांकि चीन ने आशंका जताई की ये प्राकृतिक भूकंप नहीं है. चीन में भूकंप की घटनाओं पर नजर रखने वाली संस्था ने इसे संदिग्ध परमाणु परीक्षण बताया था. इसके बाद उत्तर कोरिया ने माना था कि उसने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है. इसका दुनियाभर ने आलोचना की थी, क्योंकि दूसरे देशों ने इसे सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया था.

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