दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए NGT ने बनाया एक्शन प्लान

दिल्ली में एक तरफ जहां प्रदूषण की वजह से सर्दियों में आम लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है वहीं सरकार इस मामले को लेकर बेखबर जान पड़ती है.  इसकी जिम्मेदारी एनजीटी ने ने रखी है. एनजीटी ने दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए इसे चार कैटेगरी में रखा है.

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दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए NGT ने बनाया एक्शन प्लान दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए NGT ने बनाया एक्शन प्लान

पूनम शर्मा / रोहित

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

दिल्ली एनसीआर में प्रदूषित हवा से लड़ने और उस पर लगाम लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक खास आदेश दिया है. यह आदेश एक एक्शन प्लान का हिस्सा है जिसमें दिल्ली के प्रदूषण से निपटने के उपायों को लेकर 4 कैटेगरी बनाई गई है. एनजीटी का एक्शन प्लान अब इन्हीं 4 कैटेगिरी इसके इर्द-गिर्द घूमेगा.

दिल्ली में एक तरफ जहां प्रदूषण की वजह से सर्दियों में आम लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है वहीं सरकार इस मामले को लेकर बेखबर जान पड़ती है.  इसकी जिम्मेदारी एनजीटी ने ने रखी है. एनजीटी ने दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए इसे चार कैटेगरी में रखा है. पहली कैटेगरी सामान्य है जिसमें PM 10, 100 से 300 के बीच में और पीएम 2.5, 60 से 120 के बीच हो. एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसी स्थिति में कचरे और बायोमास को जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी और नियम का उल्लंघन करने वाले को ₹5000 का जुर्माना देना पड़ेगा. इसके अलावा फसल जलाने पर लगाम के अलावा रेड लाइट पर गाड़ी बंद करने के लिए लोगों को जागरुक करने का भी आदेश NGT कोर्ट ने दिया है. NGT ने पानी के छिड़काव का भी निर्देश दिया है जिससे धूल वातावरण में ना घुले.

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दूसरी कैटेगरी में जब पीएम 10,  300 से 700 के बीच हो और पीएम 2.5, 180 से 400 के बीच हो तो ऐसे में एनजीटी ने थर्मल पावर प्लांट को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं और साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल को बढ़ाने को कहा है. इसके अलावा डेस्टिनेशंस बसों को भी चलाने के लिए दिल्ली सरकार को एनजीटी ने निर्देश दिए हैं. भारी गाड़ियों को दिल्ली में न घुसने देने का निर्देश भी NGT ने दिया है और पालन ना करने वाले पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाने का भी आदेश एनजीटी ने दिया है.

एनजीटी की बनाई तीसरी कैटेगरी में जब हालात ज्यादा गंभीर हों अर्थात पीएम 10, 700 से 1000 के बीच हो और पीएम 2.5, 400 से 600 के बीच हो तो ऐसी स्थिति में एनजीटी ने किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर तुरंत रोक लगाने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा सबसे अहम ऑऑड-ईवन स्कीम को सरकार लागू कर सकती है लेकिन बिना किसी छूट के. मतलब कि अगर सरकार को ऑड-ईवन स्कीम लागू करना है तो टू-व्हीलर्स और महिलाओं को भी कोई छूट नहीं दी जाएगी.

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चौथी कैटेगरी में एनजीटी ने एनवायरनमेंट इमरजेंसी का नाम दिया है यानी कि जब हालात बिल्कुल काबू से बाहर हो जाएं. पीएम 10 का लेवल 1000 से ज्यादा और पीएम 2.5 600 से ज्यादा हो तो ऐसे में प्रदूषण फैलाने वाली हर चीज पर रोक के आदेश हैं चाहे वह थर्मल पावर हो या वाहन हो. इस दौरान स्कूल बंद करने का निर्देश भी दिया है.

 

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