
उत्तर प्रदेश का बिजली विभाग भले ही आम जनता को बिजली देने में सबसे पीछे हो, मगर जब बिल पहुंचाने की बात आती है, तो वह जहां बिजली ही नहीं पहुंची है, वहां भी बिल भेज देता है. बस्ती के कप्तानगंज ब्लॉक के सोनरापुर चाईपुरवा गांव के दर्जनों लोगों के साथ ऐसा हुआ है. उनके पास बिजली के बिल भेज दिए गए हैं, जबकि गांव में बिजली का तार तक नहीं है.
हजारों रुपये का बिल आने से सन्न हुए ग्रामीण
बिजली विभाग ने ढिबरी जलाने वाले परिवारों को हजारों रुपये का बिल भेज दिया है. ढिबरी के सहारे अंधेरे से जूझ रहे यहां के लोग बिजली का बिल मिलने से काफी परेशान हैं. इस गांव में बिजली तो दूर बिजली का तार भी दूर- दूर तक नहीं है. गौरतलब है कि बस्ती के कप्तानगंज ब्लाक के सोनरापुर चाईपुरवा के लोग अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं. हालांकि ग्रामीणों ने गांव में कई बार बिजली लाने का प्रयास भी किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. गांव के ग्रामीण आज भी ढिबरी की रोशनी में रात काट रहे हैं.
ढिबरी की रोशनी में रात काटते हैं ग्रामीण
इसी बीच जब गांव के दर्जनों ग्रामीणों के नाम से हजारों रुपये का बिजली बिल आ गया, तो इस झटके से ग्रामीण सन्न हो गए. वे इस बात को लेकर परेशान हैं कि घर में न बिजली है और न ही कनेक्शन है. इसके बाद भी आखिर बिल कैसे आ गया.
खम्भे तो खड़े हैं, लेकिन तार नदारद
अंधेरे का बिल भी सूबे का बिजली विभाग गरीबों से वसूलता है. सौ साल से जिस गांव के लोगों ने कभी बिजली के दर्शन भी न किए हों, उस गांव के लोगों को बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिल भेजकर उनकी रात की नींद उड़ा दी है. बिजली विभाग की तरफ से बिजली के खंभे तो गांव में खड़े कर दिए गए, लेकिन तार आज तक नहीं दौड़ाए गए.
2 से 3 हजार रुपये का बिल मिलने से लोग हैं परेशान
अब एक साल बाद गांव के लोगों के पास बिजली विभाग ने बिल भेज दिया है. दो से तीन हजार रुपये के बिल मिलने के बाद गांव के गरीब बेहद परेशान हैं, उन्हें अब यह लग रहा है कि गांव में बिजली न ही आए तो ठीक है. गांव के बच्चे लैम्प के सहारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस गांव में मात्र एक शख्स मिले, जिनके पास एक जनरेटर दिखा, मगर वह शोपीस बना हुआ है.
200 से 300 आबादी वाला है गांव
गांव में करीब 200 से 300 की आबादी है, मगर बिजली न होने के कारण इन सभी की जिंदगी अंधकारमय हो गई है. इस गांव की न जाने कितनी पीढ़ियों ने आज तक बिजली के दर्शन नहीं किए. एक छोटा सा प्रयास गांव के लोगों ने किया, तो वह भी अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया.
मीडिया के सामने ग्रामीणों ने बताया अपना दर्द
यह गांव आज भी सरकार की योजनाओं से पूरी तरह से महरूम है. बिजली के लिए संघर्ष कर रहे सोनरापुर गांव के बुजुर्ग और महिलाएं मीडिया को देखते ही अपने- अपने बिल को लेकर सामने आईं. गांव में कुछ घरों में सोलर लैम्प है, जिसके सहारे किसी तरह से उनकी रात कट पाती है,जबकि अन्य गांव के घरों में मात्र लालटेन ही एक सहारा है.
क्या कहना है बिजली विभाग का
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता का कहना है कि उन्हें इस बारे में मालूम नहीं है, लेकिन इस बारे में एक टीम बनाकर जांच कराई जाएगी. उसके बाद जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.