
विश्व शांति के लिए महिलाओं की भूमिका को सशक्त करने की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र की महिला महिला कार्यकारी निदेशक फुमजील म्लेंम्बो-नगसुका के अनुसार, शांति के फैसलों में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी बेहद जरूरी है.
म्लेंबो ने कहा, 'महिलाओं में जरूरी स्थितियों के नियंत्रण की क्षमता होनी चाहिए जैसे कि युद्ध के आघात को संभालने जैसी स्थितियों में या फिर संपत्ति की बहाली जैसे व्यावहारिक मसलों में.' संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मंगलवार को महिला, शांति और सुरक्षा, प्रस्ताव 1325 के विषय में उच्चस्तरीय समीक्षा करेगी.
प्रस्ताव 1325 ने 2000 में लैंगिक समानता और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा में महिलाओं के नेतृत्व की भूमिका को मान्यता दी थी. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षो में शांति समझौतों में महिलाओं का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है.
म्लेंबो ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र महिला की मांग है कि राजनैतिक मजबूती के साथ ही शांति और सुरक्षा में महिलाओं के नेतृत्व को लेकर तेजी से कार्यवाही हो.' उन्होंने कहा कि महिलाएं जब शांति वार्ता में भागीदारी करती हैं तो शांति कायम रहती है और जब लैंगिक समानता को प्रमुखता दी जाती है तो संघर्ष के समय में राज्यों का रुख अधिक लचीला होता है.
संयुक्त राष्ट्र महिला लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र का संगठन है. 2010 में गठन के समय से ही संयुक्त राष्ट्र महिला संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं, शांति और सुरक्षा के बीच समन्वय का प्रयास कर रही है.