
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2020 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज को प्रेरणा देने वाली महिलाओं को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सौंपा. पीएम मोदी ने महिला दिवस के मौके पर अपना ट्वटिवर हैंडल उन महिलाओं को सौंपा, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की है. वहीं पीएम मोदी ने नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं से भी चर्चा की.
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महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कई महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया है. पीएम मोदी ने 'नारी शक्ति पुरस्कार' विजेताओं से चर्चा भी की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश में हर छोटा परिवार कुछ न कुछ कर रहा है. आपके काम की एक विशेषता है. आपमें ज्यातार वो लोग हैं जिन्होंने एक समूह खड़ा किया और बाकी लोगों को भी जोड़ा. ये आपकी सबसे बड़ी ताकत है.
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नारी शक्ति पुरस्कार विजेताओं को पीएम मोदी ने कहा कि आपका सम्मान नारी शक्ति का सम्मान है. आपका योगदान काफी बड़ा है. पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान में सर्वाधिक योगदान माताओं-बहनों का है. जिसके कारण ये मिशन सफल हुआ है. इस दौरान नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित महिलाओं ने अपनी जिंदगी के स्ट्रगल के बारे में पीएम मोदी को बताया.
कारथली अम्मा की उम्र 95 साल है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी चौथी क्लास पास की है और 10वीं पास करने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि थोड़ा कम्प्यूटर भी वो सीख रही हैं.
चामी मुर्मू पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में आगे हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने गांव-गांव में महिलाओं को जागरूक किया और लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में बताया.
मन कौर को भी नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया है. मान कौर एथलीट हैं और इस उम्र में भी दौड़ लगाकर लोगों को हैरान कर देती हैं.
कलावेती देवी ने बताया कि उन्होंने शौचालय निर्माण का काम जारी रखा. वहीं अब 58 साल की उम्र तक 4000 से ज्यादा शौचालय बना चुकी हैं.
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत और फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह को भी नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अवनी ने बताया कि 2018-19 में पहली बार हम तीनों ऐसी महिलाएं बनी, जिन्होंने पहली बार भारतीय आसमान में मिग-21 फाइटर एयरक्राफ्ट को उड़ाया.
फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत ने बताया कि वो मिडिल क्लास फैमिली से आती हैं और मां-बाप का इसमें काफी बड़ा योगदान रहा. वहीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह ने बताया कि उनके पिता और दादा दोनों ही एयरफोर्स में रहे हैं. वहीं से प्रेरणा मिली.
बीना देवी को मशरूम महिला के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि वो साल 2013 से मशरूम की खेती कर रही हैं. बिहार में उन्होंने मशरूम की खेती को इतना लोकप्रिय बनाया कि लोग उन्हें मशरूम महिला के नाम से जानने लगे. बीना देवी धौरी पंचायत की सरपंच भी रही है.
ताशी मलिक और नौंगशी मलिक दो जुड़वां बहनें है और दोनों ही पर्वतारोही है. उन्होंने बताया कि पर्वतारोहण के लिए वो टैलेंट की खोज कर रहे हैं. ताकी महिलाओं और लड़कियों को इस क्षेत्र में ट्रैनिंग दी जा सके.
पदाला भूदेवी ने बताया कि उनकी छोटी उम्र में शादी हो गई थी और उनकी तीन बेटियां हैं. बेटियां होने के कारण उनके पति ने उनको छोड़ दिया. बेटियों को लेकर वो अपने मां-बाप के घर पर आ गईं. वहां उनके पिता खेती का काम करते थे और उनके साथ रहते हुए उन्होंने खेती से जुड़ा काम जाना. पोषक फसलों की खेती के बारे में भी जाना. इसके बाद बैंक से लोन लेकर पोषक फसलों की खेती से जुड़ा छोटा उद्योग शुरू किया.
आरिफा ने बताया कि वो कश्मीर से हैं और क्राफ्ट को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. इसी क्रम में कई महिलाओं को रोजगार भी दिए हुए हैं.
निलजा वांगमो ने बताया कि वो लद्दाख से हैं और कुकिंग करती हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने रेस्टोरेंट खोला, जिसमें लद्दाख का पारंपरिक खाना मुख्य डिश है. फिलहाल लद्दाख में मेरा रेस्टोरेंट टॉप पर है.
रश्मि उर्धवार्देशे ने बताया कि वो इंजिनियर है और उनका 1977 में स्ट्रगल शुरू हुआ. कॉलेज में लड़कियां न के बराबर थी. ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में करियर बनाया, जहां महिला का होना मुश्किल था. लेकिन आज इस मुकाम पर हूं कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन को हेड कर रही हूं.
इन्हें मिला नारी शक्ति पुरस्कार
महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने दम पर कामयाबी का परचम लहराने वाली महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया है. राष्ट्रपति ने रविवार को जिन महिलाओं को नारी शक्ति सम्मान से नवाजा उनमें पदाला भूदेवी, बीना देवी, आरिफा जान, चामी मुर्मू, निलजा वांगमो, रश्मि उर्धवार्देशे, मान कौर, कलावती देवी, कौशिकी चक्रवर्ती, अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत, मोहना सिंह, भागीरथी अम्मा, कारथली अम्मा, ताशी मलिक और नौंगशी मलिक शामिल हैं.