
दिवाली की तड़क-भड़क में मिट्टी के दीए बीते दिनों की बात होते जा रहे हैं. ऐसे में जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने दुनिया के सबसे बड़े मिट्टी के दीये का निर्माण कराया है. इस दीये को दुनिया में कद में सबसे छोटी बेटी ज्योति आम्गे ने रोशन किया.
दीये के निर्माण का उद्देश्य दुनिया को खास संदेश देना है. ये संदेश है- साम्प्रदायिक सौहार्द फैलाने और कन्या भ्रूण हत्याएं रोकने का. ढाई फीट ऊंचे और साढ़े पांच फीट चौड़े दीये का निर्माण मुस्लिम कारीगरों ने किया है. इसमें एक बार में 100 किलो देसी घी समा सकता है.
जहां मिट्टी के दीयों को आधुनिकता ने लील लिया है, वहीं भ्रूण हत्याओं के अभिशाप की वजह से लिंग अनुपात गड़बड़ा रहा है. दीयों का इस्तेमाल कहीं होता भी है तो सिर्फ परंपरा को निभाने के लिए. मिट्टी के दीयों की जगह सस्ती मोमबत्तियों और बिजली के दीयों ने ले ली है. इन हालात में दीये बनाने वाले कारीगरों को दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है.
दीपावली के मौके पर दीये के साथ बेटी बचाने के संदेश से अधिक सार्थक और क्या हो सकता है.