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थोक महंगाई 8 महीने के उच्चतम स्तर पर, सब्ज‍ियों के दाम बढ़ने का असर

महंगाई पर लगाम कसती दिख नहीं रही है. नवंबर महीने में थोक महंगाई दर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इस महीने थोक मूल्य सूचकांक पर आधार‍ित महंगाई 3.93 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है.

थोक महंगाई दर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर थोक महंगाई दर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

महंगाई पर लगाम कसती दिख नहीं रही है. नवंबर महीने में थोक महंगाई दर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इस महीने थोक मूल्य सूचकांक पर आधार‍ित महंगाई 3.93 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है. अक्टूबर में यह 3.59 फीसदी पर थी. महंगाई बढ़ने के लिए खाद्य और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को इसके  लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है.

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बढ़ी खाद्य महंगाई

इस महीने खाद्य महंगाई काफी बढ़ी है. अक्टूबर में जहां खाद्य महंगाई 3.23 फीसदी पर थी. नवंबर में यह बढ़कर 4.10 फीसदी पर पहुंच गई. पिछले महीने सब्जियों और अन्य सामान की कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. इसका सीधा असर देखने को म‍िला है. नवंबर महीने में हालांकि दालों की कीमतों में थोड़ी राहत जरूर मिली थी. 

इसे भी पढ़ें : सरकार को दोहरा झटका, बढ़ी रिटेल महंगाई और लुढ़का प्रोडक्शन

पेट्रोल हुआ महंगा

कच्चे तेल की कीमतों में आ रही लगातार बढ़ोतरी की वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़े हैं. इसके अलावा पिछले महीने बिजली की कीमतों में भी इजाफा हुआ है.

खुदरा महंगाई भी बढ़ी

इससे पहले सरकार ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए थे. देश में नवंबर के दौरान खुदरा महंगाई 4.88 फीसदी पर पहुंच गई है. केन्द्र सरकार को उम्मीद थी कि खुदरा महंगाई नवंबर माह में 4 फीसदी के आंकड़े के आसपास रहेगी.

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लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े देश में बढ़ती महंगाई की रफ्तार को दिखा रहे हैं. अक्टूबर महीने में महंगाई दर 3.58 फीसदी की तुलना में नवंबर के ये आंकड़े केन्द्र सरकार के लिए राहत भरे नहीं हैं.

उद्योग धंधों ने भी दिया झटका

केन्द्र सरकार को दूसरा झटका इंडस्ट्री की तरफ से मिला. बीते एक महीने के दौरान देश में औद्योगिक रफ्तार का आंकलन देने वाले आंकड़े भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे नहीं हैं. औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अक्टूबर में कम होकर 2.2 फीसदी रह गई.

सितंबर के दौरान देश का औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी पर था. वहीं पिछले साल इसी माह में यह 4.2 प्रतिशत थी. लिहाजा, महीने दर महीने के साथ-साथ पिछले साल की तुनला में भी देश में औद्योगिक उत्पादन निचले स्तर पर पहुंच गया है.

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