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येस बैंक: शिकंजे में राणा कपूर का परिवार, CBI की FIR में पत्नी-3 बेटियों का भी नाम

येस बैंक मामले में सोमवार को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की. इस मामले में राणा कपूर के साथ-साथ उनकी पत्नी और बेटी का नाम भी एफआईआर में है.

शिकंजे में राणा कपूर का पूरा परिवार (फोटो: PTI) शिकंजे में राणा कपूर का पूरा परिवार (फोटो: PTI)
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 2:14 PM IST

  • येस बैंक मामले में सीबीआई की एफआईआर
  • एफआईआर में राणा कपूर और परिवार का नाम
  • पत्नी और तीनों बेटियों का नाम भी है दर्ज

येस बैंक पर छाए आर्थिक संकट के बीच को-फाउंडर राणा कपूर और उनके परिवार पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है. सोमवार को सामने आई सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर की कॉपी के मुताबिक, एजेंसियों की तरफ से धोखाधड़ी के मामले में राणा कपूर के साथ-साथ पत्नी बिंदु कपूर और तीन बेटियों का नाम शामिल है. ईडी पहले ही इस मामले में राणा कपूर को हिरासत में ले चुकी है और पूछताछ की जा रही है.

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प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई के द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है. एफआईआर के मुताबिक, येस बैंक मामले में IPC की धारा 420, 120B, सेक्शन 7, 12, 13(2) समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

इस एफआईआर में इनके नाम हैं...

• राणा कपूर

• बिंदू राणा कपूर

• रोशनी कपूर

• राखी कपूर टंडन

• राधा कपूर टंडन

• DHFL

• DOIT

• RAB

• Morgan Credits Private Limited

• RKW

• कपिल वर्धवान

• धीरज वर्धवान

• अन्य

आपको बता दें कि सोमवार को एजेंसियों की तरफ से येस बैंक मामले में सात जगहों पर छापेमारी की गई. इस दौरान दिल्ली-मुंबई में राणा कपूर, DHFL, RKW और DUVP के ठिकानों पर छापेमारी की गई.

इसे पढ़ें: राणा कपूर के बाद परिवार पर कसा शिकंजा, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

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सीबीआई के द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, राणा कपूर और कपिल वर्धवान ने YES BANK के द्वारा DHFL की मदद की. जिसके बदले उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को DHFL ने मदद पहुंचाई. साल 2018 में अप्रैल से जून के दौरान येस बैंक ने DHFL में 3700 करोड़ रुपये का निवेश किया.

इससे इतर कपिल वर्धवान ने राणा कपूर और उसके परिवार को 600 करोड़ रुपये दिए, जो कि DOIT को लोन के रूप में दिए गए. DOIT राणा कपूर के ग्रुप की ही कंपनी है.

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सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है तो वहीं ईडी की ओर से सभी का बयान दर्ज करने की कोशिश की जा रही है, इसी वजह से एजेंसी ने सर्चिंग बढ़ा दी है. गौरतलब है कि डिफॉल्टर कंपनियों को लोन बांटने के बाद येस बैंक पर आर्थिक संकट गहराया था, जिसके बाद आरबीआई ने कुछ कैप लगा दी.

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