
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरूवार को आगरा का दौरा करेंगे. लेकिन आगरा दौरे से ज्यादा दिलचस्प है सीएम योगी का ताजमहल जाना. तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ गुरूवार की सुबह ताजमहल देखने जाएंगे. हाल ही में बीजेपी विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को लेकर बयान दिया और उसके बाद बीजेपी के ही सांसद विनय कटियार की ओर से ताजमहल पर दी गई प्रतिक्रिया के बाद योगी का ताजमहल दौरा बेहद मायने रखता है.
बीजेपी विधायक संगीत सोम ने ताजमहल के इतिहास पर सव़ाल उठाया था तो विनय कटियार ने ताजमहल को शिवालय करार दे दिया था. सबसे हास्यास्पद वाकया तब हुआ जब हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता ताजमहल के भीतर जाकर शिव चालिसा का पाठ करने लगे. विवादों की इस नाटकीय श्रृंखला के बाद योगी का ताजमहल दौरा कई सवालों के जवाब दे सकता है.
मुख्यमंत्री के दौरे से एक बात साफ हो जाती है कि ताजमहल ऐतिहासिक धरोहर है जिसे खुद योगी भी घोषित कर चुके हैं. योगी के आगरा पहुंचने से पहले शहर को रंग पोत कर संवारा जा रहा है. ताजमहल की ओर जाने वाले रास्तों को 24 घंटों के भीतर नई परत से दोबारा संवारा गया है. सड़कों के किनारे रंगाई पुताई की जा चुकी है. सड़कों पर लगे बिजली के खंबों को दुरुस्त किया जा चुका है. मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर आगरा पुलिस के अलावा पीएसी के जवानों को भी मुस्तैद कर दिया गया है. सबसे पहले सीएम योगी रबर चैक डैम परियोजना का जायजा लेने जाएंगे. उसके बाद शहर में गरीबों के लिए योजनाओं का शिलान्यास करेंगे.
ताजमहल के परिसर में प्रवेश ये पहले योगी ताजमहल के पश्चिमी द्वार के पास बनी पार्किग में झाड़ू लगाकर स्वच्छ भारत अभियान का संदेश देंगे. झाड़ू लगाने के बाद सीएम योगी शाहजहां पार्क का दौरा करेंगे और शाहजहां पार्क में पर्यटकों के लिए वॉक वे का भी शिलान्यास करेंगे. इसके बाद योगी ताजमहल परिसर में प्रवेश करेंगे और ताजमहल का मुआयना करेंगे.
मुख्यमंत्री योगी के दौरे से स्थानीय निवासियों को भी बेहद उम्मीदे हैं. किशोर आगरा में ताजमहल के पास रोजी-रोटी कमाते हैं और कहते हैं कि योगी के दौरे से हो सकता है सरकार ताजमहल के साथ-साथ आगरा पर विशेष ध़्यान दे जिससे लोगों का फायदा होगा. वहीं आगरा के जाने माने कवि रामेंद्र मोहन त्रिपाठी की मानें तो ताजमहल को मजहब के नाम पर घसीटकर राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश की जा रही जिसका मकसद सफल नहीं हो सकता.