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उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार लोकसभा में यूपी पुलिस की बर्बरता का वर्णन करते हुए रो पड़े थे. प्रखर एवं उग्र हिंदुत्व के पोषक माने जाने वाले आक्रामक बीजेपी नेताओं में गिने जाने वाले योगी आदित्यनाथ लोकसभा में जोर-जोर से रोने लगे थे. वर्ष 2006 में लोकसभा में पुलिस की प्रताड़ना का जिक्र करते हुए योगी रोने लगे थे, तब मुलायम सिंह यादव यूपी के सीएम थे.
पश्चिमी यूपी में चुनावी सभाओं के जरिए योगी आदित्यनाथ ने पूरे जोर-शोर से प्रचार किया. इसका नतीजा ये हुआ कि गोरखपुर की सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया. वहीं पूरे प्रदेश में पार्टी ने 325 सीटें हासिल कर केसरिया परचम लहराया.
वर्ष 2006 में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी. तब पूर्वांचल के कई कस्बों में सांप्रदायिक हिंसा फैली थी. जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे. कुछ देर तक वे कुछ बोल ही नहीं पाए और जब बोले तो कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है.
लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से योगी ने बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया.
इसकी शुरुआत पूर्वांचल के आजमगढ़ के छात्र नेता रह चुके अजित सिंह की हत्या किए जाने के बाद हुई थी. बताया जाता है कि आजमगढ़ में अजित सिंह के तेरहवीं वाले दिन योगी आदित्यनाथ अपने काफिले के साथ कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. तभी रास्ते में तकिया गांव में योगी के काफिले पर हमला कर दिया गया था.
इस हमले में योगी पूरी तरह से घिर गए थे. योगी के कई समर्थक लहूलुहान हो गए थे. योगी की जान बचाने के लिए उनके अंगरक्षक को फायरिंग करनी पड़ी थी. फायरिंग के दौराना हमलावर भीड़ में से एक युवक की मौत हो गई थी. उसके बाद आजमगढ़ व आसपास के इलाकों में इस मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था. इस घटना के बाद योगी के समर्थकों और उनके ऊपर कई मुकदमे हुए थे.
उस समय पुलिस ने पीएसी लगवाकर कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया था. यही नहीं योगी के समर्थकों को बड़ी संख्या में जेल भेजा गया था. योगी समर्थक पुलिस के डर से अपना गांव छोड़कर पलायन कर गए थे. तब योगी ने अपनी पीड़ा लोकसभा में रखी थी. पुलिसिया आतंक और प्रताड़ना का वर्णन करने के दौरान योगी सदन में फूट-फूट कर रो पड़े थे.