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iMessage के डीटेल्स सेव करती है एप्पल, पुलिस को भी सौंप सकती है

आईफोन में दिया गया मैसेजिंग ऐप iMessage उतना सिक्योर और प्राइवेट नहीं है जितना लोग इसे समझते हैं. ताजा खुलासाे में पाया गया है कि इसके जरिए किए गए मैसेज का मेटाडेटा कंपनी के पास दर्ज रहता है.

iMessage भी नहीं है सिक्योर! iMessage भी नहीं है सिक्योर!
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

टेक्नॉलोजी दिग्गज एप्पल के आईफोन को सिक्योरिटी और प्रीवेसी के लिए जाना जाता है. क्योंकि कंपनी हमेशा दावा करती है कि चाहे कुछ भी हो यूजर्स के डेटा सरकार के साथ भी शेयर नहीं किए जाएंगे. लेकिन आईफोन के मैसेंजर ऐप iMessage के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.

एक इनवेस्टिगेटिव वेब पोर्टल ने एप्पल के iMessage में पाए गए कुछ प्रीवेसी की कमियों के बारे में बाताया है. इसके मुताबिक आपक iMessage के जरिए किससे बात कर रहे हैं इस बात की जानकारी कंपनी के पास होती है और जरूरत पड़ने पर उसे सरकारी एजेंसियों या पुलिस को दे सकती है.

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जैसे ही आप एप्पल के iMessege ऐप के जरिए किसी को मैसेज भेजने की कोशिश करते हैं तो एप्पल के सर्वर में यह जानकारी रिकॉर्ड हो जाती है. इतना ही नहीं आप जिसे मैसेज करते हैं उस कंटेंट की जानकारी भी सर्वर में सेव जाती है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल आई मैसेज के जरिए किए गए मैसेज के डेट, टाइम और रिक्वेस्ट अपने सर्वर पर सेल करता है. इसके अलावा भेजने और रिसीव करने वाले डिवाइस की IP अड्रेस भी रिकॉर्ड करता है. इन सब मेटाडेटा को मिला कर कंपनी यह पता लगा सकती है कि आपका लोकेशन क्या है औप किससे बात कर रहे हैं.

यह सभी जानकारियों एप्पल के सर्वर पर 30 दिनों तक के लिए सेव रहती हैं. एप्पल चाहे तो ये जानकारियों सरकारी एजेंसियों को कोर्ट ऑर्डर के बाद दे सकता है.

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हालांकि एप्पल आईमैसेज के जरिए भेजे गए मैसेज में क्या लिखा है इसे डिकोड नहीं कर सका न ही इसे सेव कर सकता है. एप्पल ने कहा है कि वैलिड कोर्ट ऑर्डर के बाद वो चुनिंदा मामलों में मामलों में सर्वर लॉग में दर्ज कस्टमर्स का डेटा एजेंसियों को देता है.

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