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नोटबंदी के बाद से साइबर क्रिमिनल्स के निशाने पर भारत

अगर करते हैं Paytm जैसे मोबाइल वॉलेट यूज, तो ये खबर उड़ा सकती है आपको होश

भारत को साइबर अपराधियों से है बड़ी चुनौती भारत को साइबर अपराधियों से है बड़ी चुनौती
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

सिक्यूरिटी फर्म F-Secure ने बताया कि नोटबंदी के बाद से भारत डिजिटल पेमेंट बढ़ने के चलते साइबर क्रिमिनल्स का मेन टारगेट बन गया है. पाइंट ऑफ सेल्स (POS) डिवाइसेस और मोबाइल वॉलेट्स पर मालवेयर अटैक का खतरा मंडरा रहा है.

F-Secure के प्रेसिडेंट का कहना है कि, कुछ हफ्तों से भारत में ट्रांजैक्शन ग्रोथ बढ़ने से, स्थिति चिंताजनक हो गई है. भारत को बेस्ट सिक्युरिटी प्रोडक्ट लेने की जरुरत है, खासकर उस समय में जब आने वाले महीनों में मोबाइल वॉलेट, क्रेडिट/डेबिट कार्ड और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की रफ्तार तेजी से बढ़ने वाली है.

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8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद से डिजिटल पेमेंट की बाढ़ सी आ गई हैं. पर भारत में अभी भी लोग अपने M-Wallet की सुरक्षा कंपनी की जिम्मेदारी मानते हैं. ऐसे में बढ़ते साइबर अपराध की संख्या किसी से छुपी नहीं है.

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F-Secure की रिपोर्ट जिसका टाइटल ' थ्रेट लैंडस्कैप इंडिया 2016 एंड बियॉन्ड ' है, इसमें बताया गया है कि नोटबंदी के बाद से मोबाइल वॉलेट्स, टेलीकॉम वॉलेट्स, बैंक वॉलेट्स और इन्डिपेंडेंट वॉलेट्स का उपयोग बढ़ गया है. जिससे नए टाइप के खतरे भी उभर आए हैं. आज के समय में स्मार्टफोन्स यूजर्स के लिए जो मुख्य खतरे हैं वो Airpush, Dowgin, FakeApp, SMSpay और SMSreg हैं.

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