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फेसबुक ने लॉन्च किया स्टेंडअलोन वर्चुअल रियलिटी हेडसेट Oculus GO

मार्क जकरबर्ग ने वर्चुअल रियलिटी पर 1 अरब यूजर्स को लाने का टार्गेट रखा है. उन्होंने कहा कि इसे इतना सस्ता बनाया जाएगा ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके. इसी क्रम में उन्होंने 199 डॉलर (लगभग 13 हजार रुपये) का Oculus Go लॉन्च किया है. इसकी खासियत ये है कि इसमें बिल्ट इन स्पीकर्स भी दिए गए हैं. अगर आपने हेडफोन नहीं लगाया है तो भी आप वीआर कॉन्टेंट के ऑडियो सुन सकते हैं.

Oculus Go Oculus Go
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

फेसबुक ने Oculus Connect 4 इवेंट में कुछ नए हार्डवेयर प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं. फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने इस इवेंट के दौरान एक स्टैंडअलोन वर्चुअल रियलिटी हेडसेट Oculus Go लॉन्च किया है. Oculus वर्चुअल रियलिटी बेस्ड कंपनी है जिसे फेसबुक ने अधिग्रहण किया था.

Oculus Go हेडसेट दूसरे वर्चुअल रियलिटी हेडसेट से काफी अलग है. दूसरे VR हेडसेट को स्मार्टफोन से कनेक्ट करना होता है. इस इवेंट के दौरान मार्क जकरबर्ग ने दो तरह के VR हेडसेट के बारे में बताया और कहा कि ये काफी महंगे हैं, लेकिन हमें बजट में अच्छी क्वॉलिटी का VR हेडसेट लाना है.

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मार्क जकरबर्ग ने वर्चुअल रियलिटी पर 1 अरब यूजर्स को लाने का टार्गेट रखा है. उन्होंने कहा कि इसे इतना सस्ता बनाया जाएगा ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके. इसी क्रम में उन्होंने 199 डॉलर (लगभग 13 हजार रुपये) का Oculus Go लॉन्च किया है. इसकी खासियत ये है कि इसमें बिल्ट इन स्पीकर्स भी दिए गए हैं. अगर आपने हेडफोन नहीं लगाया है तो भी आप वीआर कॉन्टेंट के ऑडियो सुन सकते हैं.

मार्क जकरबर्क के मुताबिक इस VR को यूज करने के लिए ना तो आपको इसे स्मार्टफोन से कनेक्ट करने की जरूरत होगी और न ही कंप्यूटर से.

फेसबुक के वर्चुअल रियलिटी डिपार्टमेंट (Oculus) हेड ह्यूगो बारा ने इस दौरान कहा यह वर्चुअल रिलयलिटी में जाने का सबसे आसान तरीका है. इसमें लेंस लगे हैं और इसकी स्क्रीन 2560X1440 रेजोलुशन की है. इसमें बिल्ट इन स्पीकर्स लगे हैं यानी बिना हेडफोन के यूज किया जा सकता है.

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इस वीआर हेडसेट के साथ रिमोट कंट्रोलर दिया जाएगा जो Gear VR जैसा ही होगा. डेवेलपर्स को ऑक्यूलस गो डेवेलपर किट नवंबर से मिलेगा. इसकी बिक्री अगले साल की शुरुआत से होगी.  

गौरतलब है कि फेसबुक वर्चुअल रियलिटी बिजनेस को बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयासरत है. इसी क्रम में कंपनी ने इसमें अच्छा खासा पैसा भी लगाया है. कंपनी ने लीन साल पहले Oculus को 13 खरब में खरीदा था. लेकिन अभी तक इससे कंपनी को कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि अब तक Oculus के किसी प्रोडक्ट ने रिकॉर्ड नहीं तोड़े हैं. एक फैक्ट ये भी है अब मोबाइल कंपनियां ऑग्मेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी वाले फीचर्स दे रहे हैं और ऐसे कॉन्टेंट भी बनने शुरू हुए हैं. इसलिए उम्मीद की जा सकती है कि अगले 10 साल में फेसबुक इससे खासा रेवेन्यू जेनेरेट करेगा.

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