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Xiaomi का स्मार्टफोन है तो सतर्क हो जाएं, ये ऐप कर सकता है हैकर्स की मदद

शाओमी के स्मार्टफोन में एक रिसर्चर ने कुछ ऐसा पाया है जो आपके लिए भी गंभीर है. अगर आपके पास भी शाओमी का स्मार्टफोन है तो आप सचेत हो जाएं.

क्या शाओमी यूजर्स के लिए यह खतरे की घंटी है ? क्या शाओमी यूजर्स के लिए यह खतरे की घंटी है ?
Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST

अगर आपके पास शाओमी का स्मार्टफोन है तो आपके लिए एक चौंकाने वाली खबर है. आपको बता दें कि सैमसंग, शाओमी, एचटीसी और वन प्लस जैसे स्मार्टफोन कस्टम ऑपरेटिंग सिस्टम देते हैं. जैसे शाओमी का MIUI ओएस, यह एंड्रॉयड पर बनाया गया मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है. इसे टेक्निकल टर्मिनॉलोजी में कस्टम रॉम भी कहा जा सकता है.

इस कस्टम ओएस में कंपनी अपनी तरफ से कई ब्लॉटवेयर यानी प्री लोडेड ऐप देती है. इनमें से कुछ आप हटा सकते हैं लेकिन कुछ ऐप्स को आप चाह कर भी नहीं हटा सकते.

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एक ऐसा ऐप जिसके जरिए हैकर्स आपके मोबाइल तक पहुंच सकते हैं
नीदरलैंड्स के एक कंप्यूटर साइंस का छात्र और सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने अपने Xiaomi Mi4 स्मार्टफोन में कंपनी द्वारा दिए गए एप के पीछे के मकसद को जानने के लिए इसकी जांच शुरू की. उनके मुताबिक इस एप का नाम AnalyticsCore.apk है और ये स्मार्टफोन के बैकग्राउंड में पूरे दिन चलता है. इसे डिलीट करने के बाद फिर से दिखने लगता है.

गौरतलब है कि चीनी स्मार्टफोन दिग्गज शाओम पर पहले भी स्मार्टफोन के साथ मैलेवयर इंस्टॉल करने के आरोप लगे हैं और कंपनी की आलोचना भी हुई है.

कंपनी ने भी इस ऐप के बारे में कुछ नहीं बताया है
कंपनी के सपोर्ट फॉरम पर जब उस छात्र ने AnalyticsCore के बारे में पूछा तो इसके बारे में उन्हे कोई जानकारी नहीं दी गई.

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उन्होंने पाया कि इस यह एप हर 24 घंटे में कंपनी के आधिकारिक सर्वर से नए अपडेट के लिए कनेक्ट होता है.

सर्वर से कनेक्ट हो कर यह ऐप स्मार्टफोन की आईडेंटिफिकेशन इनफॉर्मेशन कंपनी के सर्वर तक भेजता है. इसमें IMEI, मॉडल नंबर, मैक अड्रेस, पैकेज नेम और सिग्नेचर जैसी गंभीर जानकारियां शामिल होती हैं.

नए अपडेट मिलने के साथ ही Analytics.apk नाम का यह ऐप स्मार्टफोन में खुद डाउनलोड हो जाता है इसके लिए उसे आपकी इजाजत की जरूरत नहीं होती.

यूजर्स उठा रहा रहे हैं गंभीर सवाल
कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर कई यूजर्स ने लिखा है कि यह एप डिलीट नहीं होता. इसके आलावा यूजर्स ने कंपनी से यह भी पूछा है कि इसका क्या काम है और स्मार्टफोन में क्यों है, लेकिन फिलहाल यहां कोई भी जवाब नहीं दिया गया है. यूजर्स यहां कंपनी से खासे नाराज दिख रहे हैं कई सवाल भी उठा रहे हैं.

यूजर्स को ये हो सकते हैं नुकसान
हैकर्स अपडेट पैकेज को अपने खास ऐप के साथ रिप्लेस कर सकते हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक यह Analytic.apk ऐप डाउलोड होने वाले सोर्स की वैलिडिटी चेक नहीं करता यानी किसी हैकर्स के लिए यह आपके डिवाइस में सेंध लगाने का अच्छा जरिया बन सकता है.

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रिसर्चर का मानना है कि यह आपके स्मार्टफोन के पिछले दरवाजे यानी बैकडोर की तरह काम कर सकता है. हैकर्स इसके जरिए आपका स्मार्टफोन गलत यूज कर सकते हैं. उनका मानना है कि शाओमी भी इसके जरिए आपसे जुड़ी अहम जानकारियां ले हासिल कर सकती है.

रिसर्चर का मानना है कि इस ऐप का बारे में काफी पड़ताल करने और गूगल से इसके बारे में जानकारी इकट्ठी करने के बाद भी यह समझना मुश्किल है यह स्मार्टफोन में क्यों है. कंपनी ने भी इसके बारे में कुछ भी बताने से परहेज किया है तो सवाल और भी गंभीर हो जाते हैं. क्या शाओमी जान बूझ कर ऐसा कर रही है?

आप अपने शाओमी स्मार्टफोन की भी जाांच कर सकत हैं अगर इस नाम का ऐप दिखे तो कमेंट बॉक्स में हमें बताएं.

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