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पुलिस से नहीं मिली मदद, नाबालिग छात्र ने बनाया DGP का फर्जी अकाउंट

फेक अकाउंट्स के कई मामले सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार उत्तरप्रदेश से एक बेहद चौंकाने वाला मामले सामने आया है. जहां दसवीं के एक छात्र ने यूपी के (DGP) ओपी सिंह का फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया और जूनियर अफसरों को आदेश देने लगा. शुरुआत में अफसर लड़के की चालाकी शिकार हो गए लेकिन बाद में फर्जीवाड़ा करने वाले छात्र को हिरासत में लिया गया.

UP DGP का आधिकारिक अकाउंट UP DGP का आधिकारिक अकाउंट
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 23 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

फेक अकाउंट्स के कई मामले सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार उत्तरप्रदेश से एक बेहद चौंकाने वाला मामले सामने आया है. जहां 10वीं के एक छात्र ने यूपी के (DGP) ओपी सिंह का फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया और जूनियर अफसरों को आदेश देने लगा. शुरुआत में अफसर लड़के की चालाकी शिकार हो गए लेकिन बाद में फर्जीवाड़ा करने वाले छात्र को हिरासत में लिया गया.

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दरअसल, गोरखपुर के इस छात्र ने ये कदम तब उठाया जब पुलिस ने उसके भाई से जुड़े किसी मामले पर पहले कार्रवाई नहीं की. छात्र ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह के फर्जी ट्विटर अकाउंट से गोरखपुर के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) को अपने बड़े भाई से जुड़े धोखाधड़ी के मामले पर जल्द एक्शन लेने का आदेश दिया.  

छात्र ने बताया कि महाराजगंज के सादिक अंसारी नाम के एक शख्स ने उसके बड़े भाई से 45,000 रुपये लिए थे. शख्स ने वादा किया था कि उसके बड़े भाई की नौकरी दुबई में लगवाएगा लेकिन बाद में वो मुकर गया. छात्र ने बताया कि बाद में उसका परिवार गुलहरिया पुलिस स्टेशन गया और शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

साइबर सेल पुलिस ने बताया कि छात्र को फर्जी ट्विटर आईडी बनाने का आइडिया गांव के ही लड़के ने दिया था. बाद में छात्र ने अपने किसी दोस्त के फोन नंबर का उपयोग कर फर्जी अकाउंट तैयार किया. यहां भाग्य ने भी छात्र का साथ दिया और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर धोखाधड़ी करने वाले युवक से 30,000 रुपये वसूल भी लिए.

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इन सब के बाद फर्जी ट्विटर अकाउंट का खुलासा तब हुआ जब गोरखपुर पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में DGP को अपडेट दिया. DGP की ओर से ये जानकारी दी गई की उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया है. तब ये मामला लखनऊ के हजरतगंज पुलिस तक पहुंचा और केस रजिस्टर किया गया. बाद में पुलिस ने छात्र और उसके एक दोस्त को हिरासत में लिया. फिर पूछताछ किया और भविष्य में गलती ना दोहराने की वार्निंग देकर छोड़ा दिया. साथ ही फेक अकाउंट को डिलीट भी किया गया.

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