
राहुल गांधी, कांग्रेस, विजय माल्या, बरखा दत्त और रवीश कुमार. ये कुछ ऐसे नाम हैं जिनके ट्विटर अकाउंट हाल ही में हैक कर लिए गए हैं. विजय माल्या, बरखा दत्त और रवीश कुमार के ईमेल आईडी तक हैक कर ली गई हैं. इसके अलावा बरखा दत्त की आधिकारिक ईमेल आईडी का सारा डेटा पीसी क्लाउड वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ इनका ही ट्विटर अकाउंट हैक हुआ है. चाहे फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग हों या फिर गूगल के सईओ सुंदर पिचाई इन सबके अकाउंट कथित तौर पर हैक किए गए थे. लेकिन इनमें फर्क है, क्योंकि उन अकाउंट्स को हैक करके हैकर्स ने कहा था कि उन्होंने ये बताने के लिए अकाउंट हैक किया है कि आईडी की सिक्योरिटी कितनी कमजोर है.
ईमेल आईडी डंप पीसी क्लाउड पर अपलोड होना यानी ईमेल आईडी लीक हो चुकी है. इन सब की जिम्मेदारी एक हैकर ग्रुप लीजन ने ली है. इनका कहना है कि अगर इन्हें गिरफ्तार किया गया तो ये 1TB डेटा लीक कर देंगे. हैकर ग्रुप ने कहा है कि वो किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए हैकिंग नहीं कर रहे हैं बल्कि भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. विजय माल्या से जुड़े कई संवेदनशील दस्तावेज भी इन्होंने कथित तौर पर लीक किए जिनमें उनके बैंक अकाउंड, क्रेडिट कार्ड डीटेल्स और पासपोर्ट की जानकारियां शामिल थीं.
सबसे हैरानी की बात यह है कि ये ग्रुप बोल कर लोगों के अकाउंट्स को हैक कर रहे हैं, जिससे जाहिर है इस ग्रुप के हैकर्स कोई आम साइबर कीडीज नहीं हैं बल्कि प्रोफेशनल और होशियार हैं. इस ग्रुप ने संपर्क करने के लिए एक ईमेल आईडी भी दी है जो खुद में काफी सिक्योर है और इस ईमेल आईडी की न तो आईपी ट्रेस की जा सकती है और न ही ये पता लगाया जा सकता है कि इसे कहां यूज किया जा रहा है. रवीश कुमार के ट्विटर हैकिंग के बाद उन्होंने कहा कि अब अगला नंबर ललित मोदी का है. हालांकि उसके बाद से ललित मोदी ट्विटर पर लगातार लीजन ग्रुप के हैकर्स को चैलेंज कर रहे हैं.
बरखा दत्त की जो ईमेल आईडी हैक हुई है वो जीमेल की नहीं है, ऑफिशियल है जिसे आउटलुक के जरिए यूज किया जाता है. इन हैकर ग्रुप ने यह भी दावा किया है कि भारत के सबसे बड़े अस्पताल चेन में से एक अपोलो ग्रुप के ईमेल सर्वर्स को निशाना बना चुके हैं.
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि प्राइवेट मेल सर्वर जो किसी संस्था को अपनी सर्विस देते हैं उनकी सिक्योरिटी में सेंध लगी है तो अब इससे वो कैसे निपटेंगे?
लीजन ग्रुप के हैकर ने या बाते कही हैं, 40 हजार सर्वर्स में मारी है सेंध.
दी वॉशिंगटन पोस्ट ने लीजन हैकर ग्रुप के सदस्य से बातचीत की है. उन्होंने ऐन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सॉफ्टवेयर के जरिए बताया है कि वो किसी पोलिटिकल पार्टी के लिए काम नहीं करते हैं. उन्होंने अपने उद्देश्य के बारे में बताया है और कहा है, ' जितना संभव हो सके संवेदनशील जानकारियां पब्लिक करना है'. उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा है, 'हम कुछ कंप्यूटर गीक हैं जिन्हें क्राइम और ड्रग्स की लत है'
हैरानी की बात यह है कि उन्होंने बताया है कि अब तक भारत के 40 हजार से ज्यादा सर्वर में सेंध मार ली है जिसमें अपोलो अस्पताल भी शामिल हैं. उस हैकर ने बताया है कि वो सभी डेटा एक साथ इसलिए लीक नहीं कर रहे हैं, क्योंकि इससे आफरातफरी मच सकती है. उन्होंने कहा है कि उन्हें भारत की राजधानी दिल्ली पसंद नहीं है और वो रूस जा सकता है.
साइबर सिक्योरिटी के मामले में लचर व्यवस्था
मौजूदा दौर मे इन हैक्स के बाद अभी तक ना तो इन हैकिंग के ठोस कारणों का पता चल पाया है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तारी तो दूर अभी तक यह भी नहीं पता चला है कि कौन से तरीकों से हैक किया गया है और हकर्स कहां के हैं. हाल ही में राहुल गांधी के अकाउंट हैक होने के बाद यह बताया गया कि वो कई देशों के हैकर्स ने मिल कर किया है. लेकिन हैकिंग का यह मूल मंत्र है कि कोई भी हैकर जिस देश से हैकिंग करता है वहां की आईपी यूज नहीं करता है. यानी आईपी दूसरे देश की होती है और हर मिनट आईपी का देश बदलता है. ऐसे में मुमकिन है कि हैकर्स ने भी ऐसा ही किया होगा.
साइबर सिक्योरिटी कानून के एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी तक भारत में ऐसे कानून ही नहीं हैं जिसके जरिए इनकी रोकथाम की जा सके. ऐसे में देश के लिए यह गंभीर विषय साबित हो सकता है और घातक भी. और यह समय में जब पीएम मोदी डिजिटल इंडिया बना रहे हैं और लोगों से कंप्यूटर और इंटरनेट से जुड़ने को कह रहे हैं.