Advertisement

साइबर अटैक से दुनियाभर में खलबली, 150 देशों के 2 लाख कंप्यूटर प्रभावित

यूरोपियन पुलिस एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक ने कम से कम 150 देशों में लगभग 200,000 टारगेट्स को निशान बनाया. एजेंसी ने आगे बताया कि जब लोग सोमवार को काम में लौटेगें तब ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

साइबर अटैक ने दुनिया में खलबली साइबर अटैक ने दुनिया में खलबली
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2017,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST

पिछले दो दिनों से जिस साइबर अटैक ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया है, इसी अटैक के कुछ नए आंकड़ें सामने आए हैं. यूरोपियन पुलिस एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार को हुए ग्लोबल साइबर अटैक ने कम से कम 150 देशों में लगभग 200,000 टारगेट्स को निशान बनाया. एजेंसी ने आगे बताया कि जब लोग सोमवार को काम में लौटेगें तब ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

Advertisement

अलजजीरा की खबर के मुताबिक, यूरोपोल (यूरोपियन पुलिस एजेंसी) के निदेशक रॉब वेनराइट ने ITV के पेस्टन को रविवार के कार्यक्रम में बताया कि हमला अंधाधुंध था. वेनराइट ने बताया कि इस अटैक को बहुत ही 'यूनिक' बताया. क्योंकि इसमें रैनसमवेयर को वॉर्म के कॉम्बिनेशन में उपयोग किया गया था. इसका मतलब ये है कि एक कम्प्यूटर का इंफेक्शन ऑटोमैटिकली सारे नेटवर्क तक पहुंच जाता है.

उन्होंने कहा कि इसकी दुनियाभर में पहुंच अभूतपूर्व है. हाल के आंकड़ों के मुताबिक 150 देशों में 200,000 से ज्यादा पीड़ित हैं. इनमें से कुछ व्यापारी हैं तो कुछ बड़े कॉर्पोरेशन हैं.

उन्होंने बोला कि, यूरोप के कुछ प्रभावित हुए हैं. साइबर अपराधियों के सबसे अव्वल टारगेट होने के कड़वे अनुभव से ये मालूम हुआ कि लैटेस्ट साइबर सिक्योरिटी होना कितनी जरुरी है.

वेन राइट ने कहा कि यूरोपोल अमेरिका में इस अटैक में जिम्मेदार लोगों को ट्रैक करने के लिए एफबीआई के साथ काम कर रहा था, इसका मानना है कि इस अटैक में एक से ज्यादा व्यक्ति होने की संभावना है.

Advertisement

उन्होंने ये भी बताया कि साइबर अटैकर्स आमतौर पर अंडरग्राउंड होकर काम करते हैं, जिसकी वजह से इन हमलावरों को या इनके अड्डों को पहचानना मुश्किल हो जाता है.

इसे अटैक को दुनियाभर में अब तक का सबसे बड़ा साइबर अटैक माना जा रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement