कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने देश की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था को सामने ला दिया है. पिछले कुछ दिनों में हर रोज देश में 2 लाख से अधिक केस सामने आ रहे हैं और देश के कई हिस्सों में लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं हालांकि इस मुश्किल दौर में भी कुछ लोग संवेदनहीन हो चुके हैं और एक महिला ने अपने अनुभवों के जरिए इसी संवेदनहीनता को उजागर किया. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
इस महिला ने वाइस वर्ल्ड न्यूज के लिए आर्टिकल में लिखा कि मेरे परिवार के एक सदस्य जब कोरोना पॉजिटिव हुए तो हम उनके लिए वेंटिलेटर तलाश रहे थे. मैं सोशल मीडिया की ताकत में विश्वास रखती हूं. मैंने ट्विटर पर मदद मांगी और अपना फोन नंबर सोशल इस प्लेटफॉर्म पर शेयर किया. सौभाग्य से हमें अगले 6 घंटों के अंदर वेंटीलेटर मिल गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
उन्होंने आगे लिखा कि इसके कुछ दिनों बाद हमें ए प्लस ब्लड ग्रुप प्लाज्मा की जरूरत पड़ी. हमें इसके लिए डोनर्स की तलाश थी जो हमें प्लाज्मा डोनेट कर सकें. हालांकि ये आसान नहीं था. मैं एक बार फिर इंटरनेट की तरफ मदद मांगने गई. चूंकि हम मदद नहीं मिल पा रही थी तो मेरे कुछ दोस्तों ने लोकप्रिय सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मेरी परेशानी को शेयर कर दिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
महिला ने लिखा कि मैं उस समय थोड़ा घबराई थी कि मेरे फोन नंबर को ऐसी जगहों पर डाला जा रहा है जो बेहद प्रभावशाली हैं और इससे कई लोगों को मेरी पर्सनल जानकारी हासिल हो सकती है लेकिन उस समय मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता मेरे बीमार फैमिली मेंबर थे इसलिए मैंने इस बात को इग्नोर कर दिया. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
उन्होंने आगे लिखा कि लेकिन यही मुझसे गलती हो गई. मैं लगातार ब्लड बैंक्स और डोनर्स से बात कर रही थी और मुझे लगातार निराशा हाथ लग रही थी. इस बीच मुझे एक कॉल आया और इस शख्स ने मुझसे पूछा कि क्या आप सिंगल हैं? उसने इतना कहा और मैंने फोन काट दिया. मेरे पास उस समय ये सब सोचने का समय नहीं था. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
इसके बाद ऐसे कॉल्स की बाढ़ आने लगी. एक शख्स ने कॉल कर कहा कि आपकी डीपी अच्छी है और हंसने लगा. कुछ लोग मुझसे पूछने लगे कि क्या आप अकेली रहती है, कहां रहती हैं, क्या आप हमसें बात करेंगी? मैं इन सभी कॉल्स से काफी परेशान हो चुकी थी और मैं इन सब नंबर्स को ब्लॉक करने लगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
हालांकि अगली सुबह मेरे लिए और भी भयावह साबित हुई. मैंने देखा कि मुझे सात लोग एक साथ वीडियो कॉल कर रहे थे, मेरे व्हॉट्सएप पर तीन लोग अपने प्राइवेट पार्ट की तस्वीर भेज चुके थे. मैं ये देखकर बेहद गुस्से से भर उठी थी. मुझे नहीं पता था कि पब्लिक में नंबर देने पर मुझे इस तरह के हैरेसमेंट से गुजरना पड़ सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
महिला ने कहा कि इसके बाद मैंने अपने नंबर को हर उस पब्लिक अकाउंट से हटवाया जहां पर मेरी निजी जानकारी शेयर की गई थी और मुझे उस समय एहसास हो गया कि महामारी के दौर में भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)