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सड़क पर फटे कपड़े पहनकर घूम रहा था भिखारी, निकला करोड़पति

aajtak.in
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST
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आधार कार्ड को लेकर राजनीति में हलचल मची है, वहीं उत्तर प्रदेश के रायबरेली में आधार कार्ड के बल पर एक ऐसा खुलासा हुआ जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल, यूपी में रायबरेली के रालपुर कस्बे में एक बुजुर्ग शख्स कई दिनों से भीख मांग रहा था. लोग इस शख्स को भिखारी समझकर नजरअंदाज कर रहे थे. इस बीच अनंगपुरम स्कूल के स्वामी भास्कर स्वरूप जी महराज की इस शख्स पर नजर पड़ी. वो बुजुर्ग को अपने आश्रम ले आए.

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यहां स्वामी के सेवकों ने बुजुर्ग को नहलाया और उनके कपड़ों की तलाशी ली तो जेब से निकले कागजात देखकर सब चौंक गए. बुजुर्ग के जेब में आधार कार्ड के साथ एक करोड़ छह लाख 92 हजार 731 रुपये के एफडी के कागजात मिले.इसके बाद आधार कार्ड पर लिखे पते पर जब संपर्क किया गया तो पता चला कि बुजुर्ग करोड़पति कारोबारी है. इस बारे में स्वामी ने बताया कि एक बुजुर्ग शख्स स्कूल परिसर में आया और भोजन मांगने लगा. हमने उसे परेशान समझकर खाने-पीने दिया.

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उसके बाल बढ़े थे और वह फटे कपड़े पहना था. हमने उसे नहलाया तो वह अचानक बातचीत करने लगा. उसे हमने अच्छे कपड़े पहनने दिए. उसके जेब से हमें आधार कार्ड मिला, इसके अलावा एक करोड़ छह लाख 92 हजार 731 रुपये के एफडी की पर्ची और एक तिजोरी की चाबी मिली.

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स्वामी ने आगे बताया कि आधार कार्ड से उसकी पहचान मुथैया नादर पुत्र सोलोमन के रूप में हुई. वह तमिलनाडु के तिरूनेलवेली का रहने वाला निकला. कागजातों मे उसके घर के फोन नंबर भी मिले. हमने नंबर पर संपर्क करके उसके घरवालों से बात की.

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उसके घरवालों ने बताया कि हम मुथैया नादर को जगह-जगह ढूंढ रहे हैं. वह कई दिनों से लापता हैं. बुजुर्ग के घरवालों को खबर लगते ही उसकी बेटी गीता तमिलनाडु से हवाई जहाज से लखनऊ आई और वहां से रालपुर पहुंची. लापता पिता को पाकर वह बेहद खुद हुई. इसके बाद गीता उन्हें अपने साथ वापस तमिलनाडु ले गई.

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गीता ने बताया कि उसके पिता मुथैया नादर पांच-छह महीने पहले ट्रेन से सफ़र करने के दौरान गुम हो गए थे. जहरखुरानी के शिकार होने के कारण वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे और भिखारी बनकर घूमते रहे. उन्हें वापस पाकर अब मैं बेहद खुश हूं.

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