ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसा सीलिंग-माउंटेड कोविड "अलार्म" विकसित किया है जो किसी कमरे में मौजूद कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता सिर्फ 15 मिनट में लगा सकता है.
द संडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संक्रमितों की जानकारी देने वाले इस अत्यधिक सटीक उपकरण को आने वाले समय में विमान के केबिनों, कक्षाओं, केयर सेंटरों, घरों और कार्यालयों में स्क्रीनिंग के लिए एक संभावित वरदान के रूप में देखा जा रहा है. यह उपकरण आकार में स्मोक अलार्म से थोड़ा बड़ा है.
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और डरहम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा इस पर किए गए रिसर्च के शुरुआती नतीजे आशाजनक रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने टेस्टिंग के दौरान दिखाया है कि डिवाइस में परिणाम की सटीकता का स्तर 98-100 फीसदी तक कारगर है. यह पीसीआर लैब-आधारित कोविड -19 परीक्षण और एंटीजन टेस्ट की तुलना में उससे ज्यादा सटीकता से कोरोना संक्रमितों के बारे में जानकारी दे रहा है.
शोधकर्ताओं ने जोर देकर कहा है कि अभी यह परिणाम एक प्रारंभिक चरण में हैं. उनके अध्ययन को एक पेपर में प्रकाशित किया गया है, जिसकी अभी समीक्षा की जानी है.
कैंब्रिजशायर फर्म रोबोसाइंटिफिक द्वारा बनाया गया यह सेंसर, त्वचा द्वारा उत्पादित रसायनों का पता लगाकर संक्रमितों की पहचान करता है. कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की सांस में मौजूद रसायन को जांच कर यह परिणाम की गणना करता है.
ये सेंसर "वाष्पशील कार्बनिक यौगिक" मानव नाक से सूंघने के लिए बहुत सूक्ष्म गंध पैदा करते हैं. कोविड अलार्म की शोध टीम के एक अध्ययन से पता चला है कि कुत्तों द्वारा उनका पता लगाया जा सकता है, लेकिन अलार्म अधिक सटीक और अधिक व्यावहारिक होगा.
संडे टाइम्स ने कहा कि डिटेक्टर कोविड वायरस से संक्रमित लोगों को ढूंढ सकता है, चाहे संक्रमित व्यक्ति में कोरोना के लक्षण भले ना दिखे लेकिन मशीन अपना काम अधिक प्रभावी ढंग से करता है.