दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत (North India) में पिछले 24 घंटों में बारिश हुई है और मौसम (Weather) बदला है. बारिश को देखते हुए आशंका यह जताई जा रही है कि इससे कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है जिसने देश के कई इलाकों को अपनी चपेट में लिया है. (फोटोः स्काईमेटवेदर)
पिछले 24 घंटों में उत्तर भारत के दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में बारिश और बर्फबारी हुई है. (फोटोः पीटीआई)
मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ की वजह से आया है. करीब 48 घंटे पहले ही पश्चिमी विक्षोभ देश में आ चुका था. साथ ही इसने अपना असर दिखाना भी शुरू कर दिया था. (फोटोः पीटीआई)
कोरोना वायरस का मौसम और तापमान से क्या संबंध है, इस पर अभी कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है. इसकी वजह है ये कि यह जानलेवा वायरस महज दो महीने पहले ही अस्तित्व में आया है. (फोटोः पीटीआई)
फ्लू और कोल्ड वायरस का ट्रेंड देखें तो पता चलेगा कि यह ठंड में सक्रिय होता है, जबकि गर्मी में इसमें कमी देखी जाती है. (फोटोः पीटीआई)
बारिश की जहां तक बात है तो इसके चलते तापमान गिरता है और ठंड बढ़ती है. इसलिए कोरोना वायरस में तेजी आने की संभावना बढ़ जाती है. विशेषज्ञ भी ऐसा मान रहे हैं. (फोटोः रायटर्स)
कोरोना वायरस (कोविड-19) ड्रॉपलेट से बढ़ने वाली बीमारी है क्योंकि छींकने या खांसने के बाद इसके ड्रॉपलेट हवा में बिखर जाते हैं. तापमान गिरने पर (बारिश के बाद) हवा में नमी बनती है. इस स्थिति में कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट हवा में ज्यादा देर तक मौजूद रह सकते हैं. (फोटोः पीटीआई)
जैसे-जैसे धूप बढ़ती है वैसे-वैसे हवा में गर्मी बढ़ती है और ऐसे में कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट जमीन पर गिरने लगते हैं. इस दशा में इंफेक्शन की संभावना कम होती है. (फोटोः रायटर्स)
चीन से चला कोरोना वायरस दुनिया के करीब 75 देशों को चपेट में ले चुका है. चीन में इस वायरस की शुरुआत तब हुई जब वहां अच्छी-खासी ठंड थी. इसके लक्षण भी सर्दी, खांसी और बुखार से मिलते जुलते हैं जो आम सर्दी के लक्षण की तरह दिखते हैं. (फोटोः पीटीआई)
अमूमन ऐसा देखा जाता है कि ठंड बढ़ने पर हमें सर्दी-जुकाम की शिकायत होती है. फिर इंफेक्शन बढ़ने से बुखार भी हो जाता है. ठंड में इस वायरस के बढ़ने की संभावना इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि लोग घरों में कैद होते हैं, बाहर निकलने से खुद को बचाते हैं. (फोटोः पीटीआई)
जब ज्यादा लोग एक-दूसरे के आसपास बने रहेंगे तो इंफेक्शन के तेजी से बढ़ने की संभावना होती है. कोरोना के साथ भी ऐसा ही हुआ. चीन में कोरोना वायरस जानवरों से इंसानों में आया है लेकिन इसे बढ़ाने में ज्यादा भूमिका ठंड ने निभाई है. (फोटोः पीटीआई)
कोरोना वायरस का तापमान से क्या संबंध है, अभी इस पर रिसर्च चल रही है, लेकिन पूर्व के दो जानलेवा वायरस सार्स और मर्स का ट्रेंड देखें तो उनका प्रसार ठंड में बढ़ा और गर्मी में गिरता चला गया. इसे देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि गर्मी बढ़ने से कोरोना वायरस का प्रभाव भी गिरेगा, लेकिन इसका अभी कोई पुख्ता आधार नहीं है. (फोटोः रायटर्स)