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ब्रिटेन में कोरोना टेस्टिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा, सैंपल फेंक कर दे रहे निगेटिव होने का सर्टिफिकेट

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST
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कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से कई देशों ने विदेशों से आने वाली फ्लाइटों पर प्रतिबंध लगा रखा है. कुछ देशों ने सिर्फ उन्हीं लोगों को अपने देश की यात्रा की इजाजत दी है जिनके पास कोरोना निगेटिव होने का प्रमाण पत्र है. लेकिन अब इस प्रमाण पत्र को लेकर भी फर्जीवाड़ा सामने आया है जो इस महामाही के और तेजी से फैलने का कारण बन सकता है. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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ब्रिटेन में कोरोना टेस्ट करने वाली एक प्रमुख कंपनी पर ग्राहकों को फर्जी तरीके से फिट-टू-फ्लाई प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक सैंपल की जांच किए बिना ही लोगों को निगेटिव होने का सर्टिफिकेट दे दिया जा रहा है. ऐसे हजारों सैंपल को डंप करने का भी मामला सामने आया है. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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माना जा रहा है कि इस फर्म को प्रति दिन 10,000 सैंपल मिल रहे हैं और ये उन लोगों का कोरोना सैंपल है जो छुट्टियों पर जाने के लिए या किसी अन्य काम से विदेश यात्रा करना चाहते हैं. एक परिवार ने कहा कि उन्हें नियत तारीख से 8 दिन पहले के ही परीक्षण के लिए निगेटिव होने की रिपोर्ट दे दी गई. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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आरोपी फर्म के एक कर्मचारी ने हैरान करने वाला दावा किया. कर्मचारी ने बताया कि सभी सैंपलों की जांच नहीं की जा रही है और लोगों को बताया जा रहा है कि उनके परिणाम निगेटिव हैं. यह बेहद गंभीर मामला है. ऐसे लोग आसपास वायरस फैला सकते हैं." (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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हालांकि इस तरह का गंभीर मामला सामने आने के बाद शुक्रवार की रात को ही पूर्व स्वास्थ्य सचिव जेरेमी हंट ने तत्काल जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला है और कोविड के खिलाफ लड़ाई में बेहद खतरनाक भी है. तत्काल जांच की जरूरत है और यदि उचित हो तो कार्रवाई भी करनी चाहिए. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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एक व्हिसल-ब्लोअर द्वारा बनाए गए वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि हजारों सैंपल किट को बॉक्स में डालकर उसे बिना खोले एक तरफ फेंक दिया गया. व्हिसल-ब्लोअर ने दावा किया कि फिर उन्हें काले प्लास्टिक की थैलियों में डाल दिया जाता है और कार्यालयों के पीछे डंप कर दिया जाता है. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)

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वहीं जांच के नाम पर टेस्टिंग कंपनी के इसे काले करतूत को लेकर ग्राहकों ने बताया है कि कैसे उन्हें सर्टिफिकेट भेजे जाने से पहले कई दिनों तक परिणाम आने का इंतजार करने के लिए छोड़ दिया गया था. जो वीडियो व्हिसल-ब्लोअर ने बनाया है उसमें साफतौर पर देखा जा सकता है कि संवेदनशील सैंपल को संभालने वाले कर्मचारियों ने सैंपल ट्यूबों को बक्से में फेंकने से पहले कोई भी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण नहीं पहना है. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)
 

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इस गंभीर फ्रॉड को लेकर पुलिस ने कहा कि उसे लेबर काउंसलर फैसल शौकत द्वारा संचालित फर्म के बारे में ऐसी शिकायतें मिली थीं. कुल मिलाकर, एजेंसी ने 33 संभावित नकली कोविड टेस्ट सर्टिफिकेट को कैबिनेट कार्यालय में समीक्षा के लिए भेजा है. (तस्वीर- सांकेतिक तस्वीर/ Getty)
 

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