कोरोना काल में लावारिस लाशों का लापरवाही से दाह संस्कार करने की खबरें लगातार आ रही हैं. वहीं दूसरी तरफ बिहार के समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर ढेपुरा पंचायत के शेरपुर दियारा गांव में मंगलवार को एक पालतू कुत्ते की शवयात्रा बैंड बाजे के साथ निकाली गई और पूरे विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया.
विद्यापतिनगर के शेरपुर दियारा निवासी नरेश साह ने अपने कुत्ते की मरने के बाद मंगलवार को हिंदू रीति-रिवाज से उसकी अंतिम विदाई कर पशु-प्रेम की अनूठी मिशाल पेश की है. बैंड बाजों की धुन के बीच टॉनी की शवयात्रा में चलते लोगों की आंखें जहां नम थीं. इस शव यात्रा में शामिल हुए लोग काफी भावुक थे और कोरोना की गाइडलाइंस को भूल कर बिना मास्क लगाए कुत्ते को अंतिम विदाई दी. नरेश साह अपने कुत्ते टॉनी को 12 साल पहले सोनपुर मेले से लाए थे.
पेशे से ग्रामीण चिकित्सक नरेश कुमार साह ने बताया कि उन्होंने करीब 12 साल पहले सोनपुर मेला से विदेशी नस्ल का कुत्ता खरीदा था. बचपन से ही उसे बड़े लाड़ प्यार से पाला था. घर के सदस्यों के साथ रहने वाला टॉनी आसपास के लोगों के आंखों का तारा था. टॉनी की मौत के बाद हर किसी ने उसे बड़े सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी. टॉनी के लिए अर्थी बनाई गई और ठेले को फूल मालाओं से सजाकर साउंड सिस्टम के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई.
गांव में जैसे ही शव यात्रा शुरू हुई वैसे-वैसे रास्ते में लोग जुड़ते चले गए. बॉलीवुड फिल्म तेरी मेहरबानियां के गाने बज रहे थे. टॉनी के सम्मान में ग्रामीण उसके शव के ऊपर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे.
गांव की सहायक नदी 'वाया' के किनारे टॉनी को दफनाया गया. लोगों ने यह फैसला किया कि वहां अलग-अलग प्रजाति के काफी सारे पौधे भी लगाए जाएंगे. उस जगह उसकी याद में स्मृति स्मारक भी बनाया जाएगा और तेरहवीं का भोज भी आयोजित होगा.