मध्य प्रदेश के खरगोन में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करने वाले जिला अस्पताल का आईसीयू खुद बीमार है. भीषण गर्मी के बावजूद आईसीयू में एसी और पंखे बंद पड़े हैं. हार्ट पेशेंट के परिजनों को घर से पंखा लाकर पीड़ितों का ख्याल रखा जा रहा है.
आईसीयू में भर्ती मरीज दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तो हार्ट पेशेंट और दूसरा गर्मी से बेहाल. बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावा करने की पोल आईसीयू खोल रहा है.
आईसीयू रूम में एसी बंद पड़े हैं. पारा 43 से 44 डिग्री सेल्सियस है. चिलचिलाती गर्मी में मरीजों के लिए घर से पंखे लाकर लगाना पड़ रहे हैं. कहने को तो यह गहन चिकित्सा इकाई है लेकिन यहां पर भर्ती मरीजों की सुरक्षा भगवान भरोसे है.
साफ देखा जा सकता है कि वृद्ध मरीज को उनके परिजन हाथ से पंखा करते नजर आ रहे हैं. भीषण गर्मी में घर से लाए पंखों से राहत नहीं मिल रही.
वहीं कुछ मरीज 70 से 80 किलोमीटर दूर से आए हैं वे घर से पंखा नहीं ला सकते इसलिए परिजन 24 घंटे बारी-बारी से कपड़े से हवा करने को मजबूर हैं.
वहीं, अपनी नाकामी छुपाने के लिए अस्पताल प्रशासन, मेंटेनेंस की बात कर रहा है. 2 दिन से एसी को ठीक नहीं कराया गया है.
गंधावड़ निवासी लखन सेन का कहना है मेरे पिताजी आईसीयू में भर्ती है और एसी यहां पर बंद है. हमारे पास पंखा भी नहीं है. हाथ से हवा करनी पड़ रही है. दूसरे जो हैं वो घर से पंखा लेकर आए हैं, एसी यहां पर बंद है.
सीएमएचओ डॉक्टर डीएस चौहान ने जिला अस्पताल प्रशासन का बचाव करते हुए कहा मेंटेनेंस के लिए एसी बंद है, ठीक कराए जा रहे हैं. उनसे जब पूछा गया कि एसी ठीक करने वाले तो कह रहे हैं कि हमें सिर्फ डॉक्टर के केबिन का ठीक करने के लिए कहा है, इस पर सीएमएचओ ने कहा कि नहीं बाद में वो भी ठीक होंगे.