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कैसे 25 करोड़ रुपये में बिक गई मोनालिसा की फेक पेंटिंग?

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST
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दुनिया की फेमस पेंटिंग द ​विंची की मोनालिसा के बारे में कौन नहीं जानता है. इसकी नकली प्रति की शुक्रवार को नीलामी हुई. पेरिस में क्रिस्टीज ऑक्शन हाउस की ओर से ऑनलाइन की गई नीलामी में पेंटिंग अनुमान से लगभग दस गुना अधिक राशि में बिकी. इसकी नीलामी  €2.9 मिलियन यानि लगभग साढ़े 25 करोड़ में हुई. (फोटो/Getty images)

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इस पेंटिंग को 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में एक गुमनाम इटेलियन चित्रकार द्वारा बनाया था. 1600 के दशक की शुरुआत में बनाई गई मोनालिसा पेंटिंग के लगभग 100 साल बाद उसी का प्रतिरूप चित्र बनाया गया, जो पेरिस लौवरे में लटका हुआ है. (फोटो/Getty images) 
 

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खास बात ये है कि लियोनार्डो दा विंची ने पेंटिंग लकड़ी के पैनल पर बनाई थी, जबकि नई पेंटिंग कैनवास पर बनी है. ओल्ड मास्टर पेंटिंग्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक पियरे एटियेन ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि "यह मोनालिसा नहीं है, यह हेकिंग मोना लिसा है." (फोटो/Getty images)

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उन्होंने दावा किया कि विश्व प्रसिद्ध मोना लिसा 1914 में लौवर से चोरी हो गई थी. बाद में गैलरी में लगाई गई पेंटिंग वास्तव में बिल्कुल भी मूल नहीं थी. लेकिन इसे लेकर दावा किया जाता रहा. (फोटो/Getty images) 

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क्रिस्टी के अनुसार, एटियेन ने फ्रेंच, अंग्रेजी और रूसी में लिखे गए पत्राचार और लेखों का खुलासा किया है, जो इस दावे पर विचार करने के लिए तैयार थे कि पेंटिंग मूल हो सकती है. (फोटो/Getty images)

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1977 में हेकिंग की मृत्यु के बाद, नकली पेंटिंग उनके परिवार को दी गई, जिन्होंने इसे बिक्री के लिए रखने का फैसला किया है. (फोटो/Getty images)

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