जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित झेलम नदी पर लंबे समय से अटके पुल का निर्माण पूरा करने के लिए मुस्लिम समुदाय ने मिसाल पेश की है, इसके लिए समुदाय के लोगों ने 40 साल पुरानी मस्जिद को गिराने पर सहमति दे दी.
दरअसल, झेलम नदी पर 10 करोड़ रुपये की लागत वाली पुल परियोजना 2002 में शुरू हुई थी, लेकिन कुछ आवासीय तथा वाणिज्यिक संरचनाओं की मौजूदगी समेत कुछ अड़चनों के कारण 2002 से परियोजना का काम लंबित था.
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि कमरवारी के रामपुरा क्षेत्र में श्रीनगर जिला विकास आयुक्त शाहिद इकबाल चौधरी और मस्जिद अबू तुराब की प्रबंध समिति के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के 24 घंटे बाद शनिवार को मस्जिद गिराने का काम शुरू हुआ है.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि डीडीसी ने जमीन अधिग्रहण के लिए मस्जिद मैनेजमेंट के साथ कई दौर की बातचीत की है. इसके बाद मस्जिद के हटाने के फैसले के साथ ही श्रीनगर के कमरवारी और नूरबाग के बीच 166 मीटर लंबे दो-लेन वाले पुल बनने का रास्ता साफ हुआ है.
यह घटना कश्मीरियत की एक बड़ी मिसाल मानी जा रही है. स्थानीय लोग इस वाकये से काफी खुश नजर आ रहे हैं और इस बात की काफी चर्चा भी हो रही है.