टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में अब अफ्रीकन चीते भी छलांग मारते नज़र आएंगे. दरअसल, एशियाई शेरों की उम्मीद लिए कूनो पालपुर नेशनल पार्क के जंगल में साल के अंत तक अफ्रीकी चीते लाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. मप्र शासन की सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने चीते लाने की कवायद तेज कर दी है.
सब कुछ ठीक रहा तो अफ्रीकी चीतों का दिसंबर तक रीलोकेशन हो सकता है. केंद्र सरकार ने इसका शेड्यूल भी जारी कर दिया है. यही वजह है कि कूनो वन्य प्राणी अभयारण्य चीतों की आगवानी को लेकर उत्साहित है.
एमपी के श्योपुर में एशियाई शेरों को बसाने के लिए दो दशक पूर्व विकसित कूनो नेशनल पार्क में अब शेर आएंगे, तब आएंगे लेकिन जल्द ही अफ्रीकन चीते आने वाले हैं. सब कुछ ठीक रहा तो इस साल दिसंबर तक उनका रीलोकेशन हो सकता है. केंद्र सरकार ने इसका पूरा शेड्यूल भी जारी कर दिया है.
लंबी चली कवायद के बाद केंद्र सरकार ने अफ्रीकी चीतों को कूनो पालपुर में बसाने का कार्यक्रम तैयार किया है. केंद्रीय वन विभाग के हवाले से यह जानकारी मिली है कि केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अफ्रीकी चीतों को भारत लाने की तैयारी कर ली है.
चीतों को भारत लाने का जो कार्यक्रम तैयार किया गया है उसके मुताबिक जुलाई महीने में अफ्रीकन चीतों को वहां से रेस्क्यू किया जाएगा. उसके बाद अक्टूबर-नवंबर में उन्हें भारत लाया जाएगा. उम्मीद है कि दिसंबर तक चीते कूनो पालपुर में पहुंच जाएंगे.
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ पीके वर्मा का कहना है कि वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट द्वारा कूनो सेंचुरी को चीतों के लिए उपयुक्त पाया है. साथ ही सरकार ने भी चीतों को बसाने के लिए तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं, इसके लिए बाड़ा बनाया जा रहा है. यदि सब ठीक-ठाक रहा तो इस साल के अंत तक अफ्रीकी चीते यहां आ जायेंगे.