पाकिस्तान में फ्रांस के दूत को तुरंत निष्कासित किए जाने की मांग लेकर तहरीक-ए-लबिक नाम के जिस संगठन ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बनाया था अब उन्हें रिहा कर दिया है. बता दें कि इस संगठन ने पाकिस्तान सरकार से इस्लाम विरोधी कार्टून के प्रकाशन पर फ्रांस के राजदूत को तुरंत निष्कासित करने की मांग की थी. इस मांग को लेकर पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हिंसक आंदोलन भी हुए और हजारों लोग सड़क पर उतर आए थे.
इसी मांग को लेकर 11 पुलिसकर्मियों को तहरीक-ए-लबिक नाम के कट्टर इस्लामी संगठन ने बंधक बना लिया था. पुलिसकर्मियों की रिहाई की जानकारी देते हुए देश के गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी इस्लामी राजनीतिक समूह ने सुरक्षा बलों से हिंसक झड़पों के बीच पूर्वी शहर लाहौर में बंधक बनाए जाने के लगभग एक दिन बाद 11 पुलिसकर्मियों को मुक्त कर दिया है.
तहरीक-ए-लबिक पाकिस्तान पार्टी के समर्थकों ने रविवार को रैली स्थल के पास एक पुलिस स्टेशन पर हमला बोल दिया था और 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. इस संगठन के नेता, साद रिज़वी की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं. वो प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर दबाव डाल रहा हैं कि विवादास्पद कार्टून के प्रकाशन पर फ्रांस के राजदूत को तुरंत निष्कासित कर दें.
शुरुआत में, पुलिस ने बताया था कि प्रदर्शनकारी इस्लाम संगठन के लोगों ने पांच पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. लेकिन एक वीडियो संदेश में, आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि वास्तव में रिजवी के समर्थकों ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. सरकार के साथ पहले दौर की वार्ता के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया.
बंधक बनाए गए अधिकारियों की तस्वीर जारी कर बताया गया कि उन्हें यातना दी गई थी. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को पाकिस्तान सरकार ने वादा किया कि वह भविष्य में इस्लाम के खिलाफ ईश निंदा सामग्री के प्रकाशन को रोकने के लिए अन्य मुस्लिम देशों की मदद से एक अभियान चलाएगी.
बीते सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने 192 स्थानों पर सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया था, लेकिन सुरक्षा बलों ने हाल के दिनों में उनके 191 जगहों को खाली करा दिया. लाहौर में संगठन के नेता रिजवी के समर्थक अभी भी जमे हुए हैं. रिजवी के प्रतिनिधियों और पंजाब सरकार के बीच बातचीत चल रही है.