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रूस में पहली बार कोरोना वायरस की दवा का होगा इस्तेमाल, मिली इजाजत

aajtak.in
  • 02 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:49 PM IST
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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है. इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित होने वाले देशों में रूस भी शामिल है. लोगों को इस रोग से निजात दिलाने के लिए  रूस COVID​​-19  को ध्यान में रखकर बनाई गई पहली दवा को मंजूरी देगा. दवा का इस्तेमाल अगले हफ्ते से शुरू किया जा सकता है.

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रूस की सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दी है. अधिकारी ने बताया कि, इस कदम से आशा है कि स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव कम होगा और सामान्य आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी.

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रूस के आरडीआईएफ सॉवरेन वेल्थ फंड के प्रमुख ने दिए एक इंटरव्यू में बताया कि Avifavir नाम से पंजीकृत एंटीवायरल ड्रग अस्पताल मरीजों को देना शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दवा बनाने वाली कंपनी एक महीने में लगभग 60,000 लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त दवा का उत्पादन करेगी.

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COVID-19 की अभी तक कोई सफल वैक्सीन नहीं बन पाई है. कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी पर कई मौजूदा एंटीवायरल दवाओं के मानव परीक्षणों से अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है.

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GILD.O कंपनी की रीमेड्सविर नामक नई एंटीवायरल दवा ने छोटे स्तर पर  COVID -19 के खिलाफ कुछ सकारात्मक परिणाम दिए हैं. कुछ देशों में रोगियों को आपातकालीन उपयोग नियमों के तहत ये दवा दी जा रही है.

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आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रिज ने कहा कि रूसी वैज्ञानिकों ने इस दवा को संशोधित किया था. दिमित्रिज के मुताबिक ड्रग के क्लिनिकल परीक्षण में 330 लोगों को शामिल किया गया था, इस दवा से चार दिनों के भीतर ज्यादातर मामलों में वायरस का सफलतापूर्वक इलाज किया गया.

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उन्होंने कहा कि परीक्षण लगभग एक सप्ताह में समाप्त होने वाला था, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विशेष त्वरित प्रक्रिया के तहत दवा के उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी और विनिर्माण मार्च में शुरू हो गया था.

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