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कानपुर: देशभर के तांत्रिकों का लगा मेला, 'भूत भगाने' को कई शहरों से आए लोग

रंजय सिंह
  • कानपुर,
  • 21 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST
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गंगा के घाट पर दशहरा के अवसर पर अंधविश्वास का मेला लगा. खुले बाल, चीखती-चिल्लाती महिलाएं और भूत भगाता तांत्रिक. इंजीनियरिंग संस्थानों के हब कहे जाने वाले कानपुर में देशभर के तांत्रिकों का जमावड़ा दिखाई दिया. 
 

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशहरा के अवसर पर गंगा घाट पर बड़ा ही अजीब दृश्य था. अंधविश्वास का ऐसा खेल खेला जा रहा था, जो हैरान कर देने वाला है. घाट पर जगह-जगह सजी तांत्रिकों की चौकी. उस पर रखे नींबू, पान, लौंग के साथ पूजा की अन्य सामान. कहीं सिर हवा में जोर से घुमाती महिलाएं, तो कहीं लड़कियों के बाल कसकर पकड़े बैठा तांत्रिक.

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टोने-टोटके से हर समस्या के निदान का दावा किया जा रहा था, तो वहीं तंत्र शक्ति से भूत भगाए जा रहे थे. बिठूर के पत्थर घाट पर इस मेले की कहानी नई नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी है. इस मेले में दूर-दराज से लोग भूत-प्रेत उतरवाने के लिए आते हैं. 

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अंधविश्वास इस कदर हावी है कि कहा जाता है कि यहां इस दिन तंत्र क्रिया के माध्यम से लोगों के सिर आई किसी भी बाधा को आसानी से भगाया जा सकता है. हैरानी की बात तो ये भी है कि यहां आने वाले लोग झाड फूंक करवाने के बाद आसानी ये भी मान लेते हैं, कि परिजन की हालत ठीक हो गई है. 

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घाट पर तांत्रिक के सामने घंटों तक झूमती, चिल्लाती नजर आई एक लड़की की मां से जब बात की, तो उसने बताया कि वे कालपी से आए हैं. उसने बताया कि बेटी को डॉक्टर को दिखाया था, लेकिन कोई आराम नहीं मिला. बेटी पर भूत आ गया था, अब वह सही हो गई है. 

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कालपी से एक तांत्रिक के साथ आए उसके शार्गिद ने बताया कि करीब 28 लोगों पर से भूत उतारने के लिए यहां लाए थे, जिसमें से सिर्फ कुछ ही लोग बचे हैं, जबकि अन्य सभी का ऊपरी चक्कर समाप्त कर दिया है.

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बिठूर के रहने वाले लोगों का कहना है ये मेला सैकड़ों साल से लगता आ रहा है.  यहां यूपी, मध्य प्रदेश के कई जिलों से लोग ऊपरी चक्कर समाप्त करवाने के लिए आते हैं. ज्यादातर उसी इलाके के लोग आते हैं, जिस इलाके में गंगा नहीं बहती है. भूत उतारने के बाद गंगा स्नान कराया जाता है. 

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दशहरा पर यहां लगे मेले में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. हालांकि कोरोना महामारी के इस समय में लोगों ने गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया. न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोग देखे गए, नाहीं उनके मुंह पर मास्क दिखाई दिया. ये हाल तब था, जब रविवार को लॉकडाउन लागू था. 

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