Advertisement

ट्रेंडिंग

'पश्चिम की वैक्सीन कोरोना से जरूर बचा लेगी, सोचना बेवकूफी', नोबेल विजेताओं ने सुझाए उपाय

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 10 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:08 PM IST
  • 1/7

कोरोना वायरस महामारी पिछले कुछ दिनों से भारत में हाहाकार मचा रही है. इसके साथ ही देश में टीकाकरण की प्रक्रिया भी तेज हुई है. इस बीच नोबेल पुरस्कार विजेता इकोनॉमिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि अगर दुनिया को लगता है कि वैक्सीन से कोरोना के म्युटेशन्स से छुटकारा मिल जाएगा, तो ये बहुत बड़ी बेवकूफी होगी. (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स)

  • 2/7

डॉक्टर अभिजीत बनर्जी और उनकी फ्रेंच इकोनॉमिस्ट पत्नी डॉक्टर इस्थर डुफलो ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक ओपिनियन आर्टिकल में कहा है कि दुनिया भर के लीडर्स और वैज्ञानिकों को कोरोना वैरिएंट्स को काफी गंभीरता से लेना चाहिए और इनसे निपटने के लिए बूस्टर शॉट्स, नए वैक्सीन्स और मास्क को लेकर तैयारियां करनी चाहिए. इसके अलावा लॉकडाउन को लेकर रणनीति भी जरूरी है. 

  • 3/7

डॉक्टर बनर्जी और डुफलो का दावा है कि बेहतर वैक्सीन के रोलआउट होने के बावजूद ये पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता है कि वैक्सीन्स हमें बचा ही लेंगी. इसलिए सरकारों को नेशनल स्तर पर रणनीति बनाने की जरूरत है. खासतौर पर यूरोप और अमेरिका को भारत की त्रासदी से सबक लेना चाहिए. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)

Advertisement
  • 4/7

उन्होंने लिखा कि बी.1.617 कोरोना वैरिएंट अब भारत से बाहर भी जा चुका है और भारत में कई वैक्सीन लगवा चुके लोग भी इंफेक्ट हो रहे हैं. ऐसे में पश्चिमी देशों का ये सोच लेना कि वे टॉप क्लास वैक्सीन लगवाने के साथ ही पूरी तरह से सुरक्षित हो चुके हैं, ये सोच बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)

  • 5/7

इस वायरस के अफ्रीका में भी फैलने की संभावना है जबकि यहां वैक्सीन कैंपेन ठीक से शुरु भी नहीं हो पाया है. इसके अलावा भारत में खराब होते हालातों के चलते अब उन देशों को भी वैक्सीन की उपलब्धता कम होती चली जाएगी जिन्हें भारत वैक्सीन प्रदान कर रहा था. इसके चलते औसत स्वास्थ्य सिस्टम वाले देशों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)

  • 6/7

उन्होंने लिखा कि भारत में बहुत तेजी से सख्त लॉकडाउन लगाया गया था, उस समय देश में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत अधिक भी नहीं थी. इसके बाद अर्थव्यवस्था का दबाव झेल रही भारत सरकार ने इसे हटाना शुरू कर दिया था और जिस समय तक कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को जकड़ा, तब तक देश में काफी बेपरवाही देखने को मिली थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
 

Advertisement
  • 7/7

उन्होंने लिखा कि अभी भारत में जैसे हालात है, केंद्र सरकार को बहुत अधिक इंफेक्शन वाली जगहों में लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए और इन क्षेत्रों में गरीबों और लोअर मिडिल क्लास लोगों को कैश ट्रांसफर जैसी सुविधा भी प्रदान देने के बारे में विचार किया जा सकता है. (फोटो क्रेडिट: रॉयटर्स)

Advertisement
Advertisement