15 साल पहले शुरू हुआ और देश के चर्चित निजी बैंकों में शामिल यस बैंक आज बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है. गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय कर दी है. इसके बाद देश में यस बैंक के एटीएम और ब्रांच पर लाइनें लग गई हैं. इससे पहले नोटबंदी में ऐसे हालात बने थे जब एटीएम के सामने लोगों की भीड़ लगी थी. हम आपको बता रहे हैं कि नोटबंदी और यस बैंक के कैश संकट के बीच किस-किस बैंक में कैश के किल्लत की स्थिति बनी. (फोटो: मुंबई में यस बैंक के सामने लगी भीड़/Aajtak)
यस बैंक से पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ और बैंकों पर सख्ती बढ़ा दी थी. केंद्रीय बैंक ने बीते साल पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर 6 महीने की पाबंदी लगाई थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह कार्रवाई बैंकिग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत सितंबर 2019 में की थी. आरबीआई के इस फैसले के बाद पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ गई थीं. बैंक के ग्राहक 6 महीने से एक हजार रुपये से अधिक पैसा नहीं निकाल सकते हैं. (फोटो: पीएमसी बैंक के सामने लगी भीड़/PTI)
बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर भी कई तरह की रोक लगा दी गई थी. इस सख्ती की वजह से ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ी थी. आरबीआई ने लेनदेन में कथित अनियमितताओं को लेकर श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया था. इस बैंक को किसी भी तरह का लोन नहीं दिया जा सकेगा. वहीं, इस बैंक के ग्राहक 35,000 रुपये तक ही निकाल सकेंगे. यह पाबंदी जनवरी 2020 में 6 महीनों के लिए लगी है. (फोटो: नोटबंदी के दौरान एटीएम के सामने लगी भीड़/ANI)
आरबीआई ने कोलकाता स्थित 'कोलिकाता महिला कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड' पर भी कैश निकासी और अन्य प्रतिबंधों को लगाया गया था. यह प्रतिबंध 10 जनवरी 2020 से 9 जुलाई 2020 तक प्रभावी रहेंगे. बीते साल 9 जुलाई 2019 को आरबीआई ने इस बैंक पर 6 महीने के लिए पाबंदी लगाई थी. इसकी समयसीमा 9 जनवरी 2020 को खत्म हो गई थी. (फोटो: नोटबंदी के दौरान एटीएम के सामने लगी भीड़/Reuters)
8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी. नोटबंदी का सबसे ज्यादा प्रभाव उन उद्योगों पर पड़ा था जो ज्यादातर कैश में लेनदेन करते थे. इसमें अधिकतर छोटे उद्योग शामिल होते थे. नोटबंदी के दौरान इस वजह से कैश की किल्लत हो गई थी जिसकी वजह से देश भर के बैंक और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग गई थीं. (फोटो: नोटबंदी के दौरान एटीएम के सामने लगी भीड़/Reuters)