
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की रफ्तार पिछले वित्त वर्ष में 7.1 फीसदी रही. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 6.1 फीसदी थी. चौथी तिमाही में ग्रोथ का आंकड़ा इतना कम रहने की बड़ी वजह नोटबंदी को माना जा रहा है.
वित्त वर्ष 2017 में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 0.7 फीसदी से बढ़कर 4.9 फीसदी रही है. सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2017 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.8 फीसदी से घटकर 7.9 फीसदी रही है. वित्त वर्ष 2017 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.5 फीसदी से घटकर 1.8 फीसदी रही है.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 के लिए निरंतर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 121. 90 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, जिसकी रफ्तार 7.1 फीसदी रही है. यह वित्त वर्ष 2015-16 में 113.81 लाख करोड़ रुपये थी.
सकल मूल्य (जीवीए) के संदर्भ में, जिसमें अप्रत्यक्ष कर शामिल नहीं है, उसकी रफ्तार में वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में गिरावट दर्ज की गई और यह 6.6 फीसदी रही. पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीवीए में तेज गिरावट देखी गई और यह 6.1 फीसदी रही.
अगर पिछले सालों को देखें तो वित्त वर्ष 2015 की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी से संशोधित होकर 7.5 फीसदी हो गई है जबकि वित्त वर्ष 2014 की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी से संशोधित होकर 6.4 फीसदी हो गई है. वित्त वर्ष 2013 की जीडीपी ग्रोथ बिना बदलाव के 5.5 फीसदी पर बरकरार है.