
22 साल की एक ग्रैजुएट लड़की ने कब्रिस्तान में नौकरी करने का फैसला किया है. यहां पर वह कब्रों की सफाई, अंतिम संस्कार से जुड़ी व्यवस्थाएं जैसे काम देखती हैं. इस काम के लिए उसे करीब 45 हजार रुपये हर महीने मिलते हैं. उसकी जॉब सुबह साढ़े 8 बजे से शाम 5 बजे तक होती है. उसको हफ्ते में एक छुट्टी भी मिलती है.
चीन में रहने वाली इस लड़की की पहचान टैन के रूप में हुई है. टैन उसका सरनेम है. 22 साल की टैन चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर कब्रिस्तान से अपने काम की तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं. उसका कहना है कि इस काम में सुकून है और यहां ऑफिस की कोई राजनीति नहीं है.
वो कहती हैं कि उनका मकसद जॉब और अपनी लाइफ के बीच एक बैलेंस बनाना था. उन्हें शांतिपूर्ण कार्यस्थल की दरकार थी. वो ऑफिस के शोर-शराबे से दूर किसी नेचुरल जगह पर जॉब करना चाहती थीं. ऐसे में उन्होंने पश्चिमी चीन की चोंगकिंग में एक पहाड़ी पर स्थित कब्रिस्तान में नौकरी जॉइन कर ली.
एक वीडियो में टैन कहती हैं कि यह एक सरल और आरामदायक काम है. यहां कुत्ते हैं, बिल्लियां हैं और काम करने के लिए इंटरनेट है. टैन मजाक में खुद को 'कब्र रक्षक' कहती हैं.
टैन ने आगे कहा- 'यह एक साधारण काम है. मैं बस कुछ ऐसा कर रही हूं जो मुझे सामान्य लगता है. मैं इस समय अपने जीवन से संतुष्ट हूं और मैं इसी काम में लगी रहूंगी.'
लड़की की 45 हजार सैलरी
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, कब्रिस्तान में काम करने के लिए टैन को लगभग 4,000 युआन (45 हजार रुपये) का मासिक वेतन दिया जाता है. वह हफ्ते में 6 दिन सुबह 8.30 बजे से शाम 5 बजे तक काम करती हैं. इसमें लंच के लिए दो घंटे का ब्रेक भी होता है.
टैन के वीडियो पर हजारों यूजर्स ने रिएक्ट किया है. एक यूजर ने लिखा- इस तरह की नौकरी को पुराने दिनों में अशुभ माना जाता था, लेकिन आधुनिक लोगों के लिए यह एक शांतिपूर्ण काम है. दूसरे यूजर ने लिखा- जरूरत और पसंद कुछ भी करवा सकती है.
रिपोर्ट में बताया गया कि चीन के अंत्येष्टि सेवा बाजार (Funeral Service Market) में हाल के वर्षों में काफी विस्तार हुआ है, क्योंकि देश की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. चीनी शोध फर्म हुआजिंग रिसर्च के अनुसार, 2020 में इस मार्केट का मूल्य 2900 अरब रुपये का था, जो अब इससे काफी आगे जा चुका है.