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नगालैंड में सियासी ड्रामा, राज्यपाल से रियो को न्योता, CM का इस्तीफे से इनकार

मौजूदा सीएम और एनपीएफ नेता टीआर जेलियांग ने पद से इस्तीफा देने से मना कर दिया. इसके बाद राज्यपाल ने जेलियांग को बहुमत साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया है.

निफियू रिओ  (फाइल फोटो) निफियू रिओ (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:14 AM IST

भारतीय जनता पार्टी की पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में सरकार बनाने में अहम भूमिका रहेगी, लेकिन नगालैंड में राजनीतिक घटनाक्रम में दिलचस्प ट्विस्ट आ गया है. राज्यपाल पीबी आचार्य ने बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन को सरकार बनाने के लिए न्यौता दिया, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है.

नगालैंड में शनिवार को परिणाम आने के बाद रविवार को बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन ने 32 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा. इसके बाद राज्यपाल ने एनडीपीपी नेता नेफियू रियो को सरकार बनाने का न्यौता दिया.

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इस बीच मौजूदा सीएम और एनपीएफ नेता टीआर जेलियांग ने पद से इस्तीफा देने से मना कर दिया. इसके बाद राज्यपाल ने जेलियांग को बहुमत साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया है.

नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के प्रमुख जेलियांग ने दावा किया कि उनके पास 29 विधायकों का समर्थन है और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में नगालैंड में नई सरकार बनाने के लिए चर्चा करना चाहते हैं.

दूसरी ओर, एनपीएफ के प्रमुख शुरहोजोली लीजेत्सु ने शाह को लिखे पत्र में कहा है कि वे 'अभी भी मित्र' हैं.

इससे पहले रविवार की दोपहर बीजेपी के महासचिव और पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी राम माधव और एनडीडीपी के अध्यक्ष नेफियू रियो के साथ मिलकर राज्यपाल को 60 सदस्यीय विधानसभा में पूर्ण बहुमत का दावा किया और सरकार बनाने का मौका देने को कहा.

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राज्यपाल आचार्य ने कहा कि रियो के पास पूर्ण बहुमत है और उन्हें सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए क्योंकि उन्होंने 32 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है.

पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में हुए चुनावों के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन तीनों राज्यों में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने जा रही है. मेघालय में 6 मार्च को, नगालैंड में 7 मार्च को और त्रिपुरा में 8 मार्च को नई सरकार शपथ ले सकती है. इसके साथ ही बीजेपी तीन और नए राज्यों में हुकूमत करने लगेगी.

बीजेपी ने एनपीएफ के साथ 15 साल पुरानी दोस्ती को फरवरी महीने में ही तोड़ दी थी, उसे इस बार चुनाव में ज्यादा सीटें मिली हैं. इसके बाद बीजेपी ने फरवरी में ही नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ नया गठबंधन कर लिया.

नगालैंड में बीजेपी इस बार नवगठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी अखाड़े में उतरी थी. दोनों ने क्रमश: 20 और 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को वोटिंग हुई थी. एक सीट पर एनडीपीपी के नेता नेफियू रियो पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं.

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