
उन्हें हिन्दी भले ही नहीं आती हो लेकिन वे बालीवुड के गीत बड़ी मस्ती से गुनगुनाते हैं. अर्मीनिया में भी रूमानियत के बादशाह शाहरूख खान से लेकर बालीवुड के एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन का जलवा बरकरार है और युवा दिलों में इनकी लोकप्रियता हैरान करने वाली है.
हालांकि, पहले भी विदेशी धरती पर भाषायी बाधाओं को पार करते हुए हिन्दी फिल्मी गीतों को काफी स्नेह मिला है. अर्मीनिया की राजधानी येरेवान में बसों पर शाहरूख खान और दीपिका पदुकोण की ‘ओम शांति ओम’ का पोस्टर देखने को मिलता है.
लेकिन बालीवुड के प्रति अर्मीनिया के लोगों के स्नेह का क्या कारण है? आर्मीनियाई नागरिक गायेनी बताते हैं कि जब उन्होंने फिल्म ‘कभी खुशी, कभी गम’ देखी तो वे भारतीय पारिवारिक मूल्यों पर मुग्ध हो गए और इसके प्रतीक बने सुपरस्टार शाहरूख खान.
फ्रीलांस दुभाषिया के रूप में काम करने वाले नोर्याज इस्कंदरियान ने कहा, ‘शाहरूख जैसे अभिनेताओं में मैं एक ऐसे अभिनेता को देखता हूं जो मृदुभाषी हो, रोमांटिक हो और भावनात्मक पहलुओं को रेखांकित करने में जिसे कोई संकोच नहीं हो. भाषा के ज्ञान के अभाव में फिल्म को समझने में कुछ कठिनाई होती है लेकिन इनके अभिनय से भाव जरूर स्पष्ट होते हैं.’