
प्रकृति भी कुछ लोगों के साथ कुछ ऐसा कर जाती है कि हम उन्हें देखते ही चीत्कार उठते हैं. तमाम दुखों और परेशानियों में घिरे होने के बावजूद खुद को सौभाग्यशाली समझने लगते हैं. कुछ ऐसा ही आप भी महसूस करेंगे यह कहानी जानकर.
दरअसल, यह कहानी है एक 16 साल के किशोरवय युवा की. इस किशोर का नाम भूपिंदर सिंह है और लोग उसे देख कर या तो डर जाते हैं या फिर भद्दे कमेंट कर देते हैं.
आखिर क्या है इस किशोर की दिक्कत?
भूपिंदर को जन्म के साथ ही दाहिने आंख के पास एक ट्यूमर था. यह ट्यूमर कई बार जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से होता है तो वहीं कई बार अनजाने कारणों के चलते भी. उनका ट्यूमर समय के साथ-साथ बढ़ता गया और धीरे-धीरे चेहरे को ढकते हुए लटकने लगा. इतना ही नहीं इस ट्यूमर की वजह से उनके दाहिनी आंख की रोशनी भी चली गई.
इस बीमारी को मेडिकल टर्म्स में neurofibromatosis कहते हैं. इस बीमारी से निजात पाने के लिए उनके परिवार के पास पर्याप्त पैसा भी नहीं है कि वे भूपिंदर का इलाज करवा सकें.
ट्यूमर की वजह से मुश्किल है कहीं आना-जाना...
एक तरफ तो इस ट्यूमर की वजह से उनका खाना-पीना और देख पाना दुश्वार हो गया है. वहीं वे अपना गांव छोड़ कर भी कहीं नहीं जा सकते. अनजान लोग उन्हें देख कर या तो डर जाते हैं या फिर भद्दे कमेंट करते हैं. वे इस वजह से स्कूल जा कर पढ़ाई भी नहीं कर पाते.
गांव और आस-पड़ोस के अलावा कहीं नहीं है गुजारा...
भूपिंदर बताते हैं कि उनके आस-पड़ोस के लोग उन्हें इस स्थिति में देखते-देखते आदी हो गए हैं. उनके गांव के बाहर के लोग उन्हें देख कर डर जाते हैं और कहते हैं कि वे पिघल रहे हैं. इसी वजह से वे अपना मुहल्ला और गांव छोड़ कर कहीं नहीं आते-जाते.
हालांकि इन तमाम झंझावतों के बावजूद भूपिंदर खुश हैं और अपने परिवार व दोस्तों की मदद से जिंदगी को बखूबी जी रहे हैं. अब हम भी ईश्वर से यही प्रार्थना करेंगे कि वे यूं ही खुश रहें और अपनी जिंदगी भरपूर जिएं.