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इस चिड़ियाघर में खरगोश से भी तेज दौड़ता है कछुआ

आपने बचपन में कछुए और खरगोश की कहानी तो जरूर सुनी होगी. कहानी में भले ही कछुआ अपनी धीमी चाल से खरगोश से रेस जीत लेता हो, लेकिन चेन्नई के वंडालुर जू में एक दो साल का कछुआ है, जो खरगोश से भी तेज दौड़ता है.

कछुए के पैरों में लगे हैं पहिए कछुए के पैरों में लगे हैं पहिए
अंजलि कर्मकार
  • चेन्नई,
  • 11 जून 2016,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

आपने बचपन में कछुए और खरगोश की कहानी तो जरूर सुनी होगी. कहानी में भले ही कछुआ अपनी धीमी चाल से खरगोश से रेस जीत लेता हो, लेकिन चेन्नई के वंडालुर जू में एक दो साल का कछुआ है, जो खरगोश से भी तेज दौड़ता है.

ये है कछुए के तेज दौड़ने की वजह
इस कछुए के तेज दौड़ने के पीछे एक हादसा है. जू के डायरेक्टर के. एस. एस वी. पी. रेड्डी के मुताबिक, कुछ दिनों पहले बाड़े में बड़े कछुओं ने इस कछुए पर हमला कर दिया था. इससे उसकी टांग जख्मी हो गई थी. पूरे शरीर में इंफेक्शन न हो जाए, इसलिए उसकी टांग का ऑपरेशन कर दिया गया. डॉक्टरों ने उसके पैरों में एक खास किस्म का पहिया लगा दिया है. इसकी वजह से कछुआ जहां चाहे, तेजी से चला जाता है.

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जू में तेंदुए की भी हो चुकी है सर्जरी
कछुए को जो पहिये लगाए गए हैं, वो बेहद हल्के हैं. एक पहिया कछुए के बाएं पैर के पास लगाया गया है, जबकि दूसरा उसके सेल के पीछे फिक्स किया गया है. इससे कछुए का भारी भरकम शरीर संतुलित हो जाता है और वह दौड़ सकता है. वंडालुर जू में इससे पहले मार्च में ऐसा ऑपरेशन हो चुका है. वेटरन डॉक्टरों ने एक घायल तेंदुए की कॉस्मेटिक सर्जरी की थी.

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