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भिखारी ने भगवान राम के लिए दान दिया चांदी का मुकुट

नोटबंदी के दौर में जहां पूरा देश परेशान है, वहीं विजयवाड़ा में एक भि‍खारी ने भगवान राम के मंदि‍र में चांदी का मुकुट दान किया है...

चांदी का मुकुट चांदी का मुकुट
खुशदीप सहगल
  • विजयवाड़ा,
  • 27 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:59 PM IST

विजयवाड़ा में हर कोई यदिरेड्डी की बात कर रहा है. 75 वर्षीय यदिरेड्डी मंदिर के बाहर भीख मांग कर गुजारा करते हैं. यदिरेड्डी ने मंदिर में भगवान श्रीराम के लिए चांदी का मुकुट दान दिया तो सभी हैरान रह गए. वो भी नोटबंदी के मौजूदा दौर में जब कैश के संकट से हर कोई जूझ रहा है.

भंडारे में भी किए 20000 रुपये दान
मुत्यालमपादम में कोडानंदा रामालायम के लिए यदिरेड्डी की ओर से चांदी का मुकुट देना लोगों के लिए बेशक ये हैरान करने वाला हो लेकिन मंदिर प्रबंधन के लिए कोई नई बात नहीं है. यदिरेड्डी पहले भी मंदिर में साईबाबा के लिए चांदी का मुकुट दान मे चुके हैं. मंदिर के चेयरमैन और विधायक गौतम रेड्डी के मुताबिक यदिरेड्डी ने दोनों मुकुटों पर डेढ़ लाख रुपये खर्च किए. इसके अलावा वो मंदिर में श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले भोजन (नित्य आनंदम) के लिए भी 20,000 रुपये दे चुके हैं.

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मंदिर के बाहर मांगते हैं भीख
गौतम रेड्डी ने कहा, 'वो इस मंदिर के बाहर बरसों से भीख मांगते रहे हैं. और जो भी जोड़ा उसे अब वो भगवान को ही अर्पित कर रहे हैं. यदिरेड्डी कई लोगों को प्रेरणा देने का काम कर रहे हैं कि पैसा भौतिक चीज है जबकि आपके अच्छे काम आलौकिक होने की वजह से असीम आनंद देते हैं.'

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सारा पैसा भगवान को समर्पित
यदिरेड्डी जब किशोर थे तो अपने मूल स्थान नलागोंडा से विजवाड़ा आ गए थे. 45 साल तक उन्होंने यहां रिक्शा चलाया. फिर उम्र बढ़ जाने की वजह से रिक्शा चलाना मुश्किल हो गया तो उन्होंने मंदिर के बाहर भीख मांगना शुरू कर दिया. यदिरेड्डी का आगे-पीछे कोई नहीं है. इसलिए जो भी पैसा उन्होंने जोड़ा वो भगवान को ही समर्पित करने का फैसला किया.

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भगवान में विश्वास रखने से मिलता है साहस
यदिरेड्डी कहते हैं, 'मैं भगवान में विश्वास रखता हूं और सिर्फ उनसे ही मुझे ताकत और साहस मिलता है जिसकी वजह से मैं अब तक जीवित रह सका हूं. शुक्राने के तौर पर जो भी थोड़ा-बहुत कुछ मेरे पास है वो मैं श्री राम को अर्पित कर रहा हूं.'

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