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500 KG वजन, सोने-चांदी की परत, 1 KM तक गूंजेगी आवाज... अयोध्या में राम मंदिर को सौंपा गया 56 इंच का अहमदाबादी नगाड़ा

इस नगाड़े को बनाने में 3 महीने का वक्त लगा है. इसका व्यास 56 इंच रखा गया है. इसके जरिए 56 इंच के सीने का संदेश देने की भी कोशिश की गई है. सोने-चांदी से सजा ये नगाड़ा राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया है. 

अहमदाबादी नगाड़ा अहमदाबादी नगाड़ा
शिल्पी सेन
  • अयोध्या ,
  • 11 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

रामलला के मंदिर में जल्द ही अहमदाबादी नगाड़े की आवाज सुनाई देगी. गुजरात से 5 जनवरी को चले नगाड़े को अयोध्या में श्रीराम ट्रस्ट को सौंप दिया गया है. प्राण प्रतिष्ठा में अब सिर्फ 10 दिन का समय शेष रह गया है. रामलला के मंदिर को सजाने के लिए गुजरात के अहमदाबाद से 500 किलो का नगाड़ा अयोध्या पहुंचा है.

इस नगाड़े को बनाने में 3 महीने का वक्त लगा है. गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस नगाड़े को अयोध्या के लिए रवाना किया था. गुजरात के लोग इसे लेकर जिस-जिस रास्ते से अयोध्या पहुंचे, वहां-वहां के लोगों ने इसकी पूजा-अर्चना की. सोने-चांदी से सजा ये नगाड़ा श्रीराम ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा गया. 

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नगाड़े को खास बनाने के लिए इसमें 50 घंटियां लगाई गई हैं. साथ ही राम दरबार के चित्र से भी इसको सजाया गया है. गुजरात से इसे लेकर आए लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण बहुत जल्दी कर दिखाया है. उसे ही बताने के लिए नगाड़े का व्यास 56 इंच रखा गया है. इसके जरिए 56 इंच के सीने का संदेश देने की भी कोशिश की गई है. 

नगाड़ा इतना बड़ा है कि इसको बाहर रखने की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए उसे ऐसा तैयार किया गया है कि बाहर धूप-बारिश में भी ये खराब न हो. इस पर सोना और चांदी मढ़ा गया है. इसकी आवाज 1 किलोमीटर तक सुनाई देगी. 

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रामलला के लिए विशाल दीपक और हीरे का हार 

गौरतलब है कि राम मंदिर के लिए देश-विदेश से उपहार आ रहे हैं. वडोदरा के रहने वाले किसान अरविंदभाई मंगलभाई पटेल ने रामलला के लिए 1100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक तैयार किया है. पटेल ने कहा- दीपक 9.25 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है. इसकी क्षमता 851 किलोग्राम घी की है. दीपक 'पंचधातु' (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा) से बना है. 

वहीं, सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5000 अमेरिकी हीरे और 2 किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया है. 40 कारीगरों ने 35 दिनों में डिजाइन पूरा किया है. इस हार को राम मंदिर ट्रस्ट को उपहार में दिया गया है. 

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