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UP: मेरठ में पकड़े गए जावेद शेख का बड़ा खुलासा, इमराना पहले भी बनवा चुकी थी 200 बम

मेरठ से जावेद शेख के पकड़े जाने के बाद अब यूपी एसटीएफ को इमराना नाम की उस महिला की तलाश है जिसने जावेद को टाइम बम बनाने का ये ऑर्डर दिया था. बता दें कि यूपी एसटीएफ ने आईबी के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में जावेद को गिरफ्तार कर उससे बॉटल IED वाला टाइमर बम बरामद किया था.

आरोपी जावेद शेख ने किए कई खुलासे आरोपी जावेद शेख ने किए कई खुलासे
अरविंद ओझा
  • मेरठ,
  • 17 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST

मेरठ में 4 टाइम बम के साथ पकड़े गए संदिग्ध युवक जावेद शेख को लेकर अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जावेद शेख ने पहले बताया था कि उस बम बनाने का ऑर्डर मुजफ्फरगनर की रहने वाली इमराना नाम की महिला ने दिया था.

अब यूपी एसटीएफ को इमराना नाम की उस महिला की तलाश है जिसने जावेद को टाइम बम बनाने का ये ऑर्डर दिया था. बता दें कि यूपी एसटीएफ ने आईबी के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन में जावेद को गिरफ्तार कर उससे बॉटल IED वाला टाइमर बम बरामद किया था. उसका नेपाल कनेक्शन भी सामने आया था.

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2013 में बनवाए थे 200 बम

अब IB और UP STF की पूछताछ में जानकारी मिली है की इमराना ने साल 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर में हुए दंगों में ऐसे ही तकरीबन 200 बम ऑर्डर देकर बनवाए थे और दंगों के दौरान बंटवाए थे.

यही इनपुट आईबी को मिला था जिसे यूपी एसटीएफ से शेयर किया गया था जिसके बाद जावेद शेख को गिरफ्तार किया गया और बॉटल वाला टाइमर बम बरामद किया गया. जिस संदिग्ध महिला इमराना की तलाश की जा रही है वो मुजफ्फरनगर की रहने वाली है. 

इमराना ने अचानक ये बॉटल वाला टाइमर बम बनाने का ऑर्डर क्यों दिया इसको लेकर यूपी एसटीएफ की जांच चल रही है. इमराना को पकड़ने के लिए एजेंसियों ने  मुजफ्फरनगर में छापेमारी की लेकिन वो वहां नहीं मिली.

जावेद शेख के पास क्या-क्या मिला?

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आरोपी जावेद शेख के पास चार टाइमर बम के अलावा बोतल के अंदर गन पाउडर 999, लोहे की छोटी गोलियां, कॉटन और पीओपी आदि भी मिला है. जावेद ने पूछताछ में अधिकारियों को बताया कि इमराना ने उसे बोतल बम बनाने के लिए 50 हजार रुपये देने की बात कही थी. बम तैयार करने के लिए 10 हजार रुपये एडवांस में भी दिए गए थे. वहीं, बाकी 40 हजार रुपये बम मिल जाने पर इमराना ने देने का वादा किया था.

जावेद ने चाचा से सीखा था बम बनाना

जांच में यह भी पता चला है कि जावेद ने बम बनाने का काम अपने चाचा मोहम्मद अर्शी से सीखा था. अर्शी मुजफ्फरनगर के मिमलाना रोड पर मौजूद रामलीला टीला थाना कोतवाली नगर इलाके में रहते हैं और पटाखे बनाने का काम करते हैं. उन्हीं से जावेद ने भी बम बनाने का काम सीखा था. जावेद ने बताया कि बम बनाने के लिए उसने ग्लुकोज की बोतलें डाक्टरों से हासिल की थी. लोहे की गोलियां साइकिल की एक दुकान से लाया था. वहीं, टाइम बम में लगाने के लिए घड़ियों की दुकान से घड़ी खरीदी थी.
 

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