
गोरखपुर में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने ऐसा जूता बनाया है जो किसी भी आपदा के समय लोगों के जीवन को सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभा सकता है.
इस जूते को बनाने में छात्रों को शूज, जीपीएस ट्रैकर, हार्टबीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, जीएसएम सिम, चिप, तार, मोबाइल समेत अन्य तकनीकी सामानों का इस्तेमाल किया है.
छात्रों के द्वारा इस जूते को बनाने का मकसद छोटे बच्चों के अपहरण को रोकना, भूकंप सहित अन्य आपदाओं में लोगों के जीवन को सुरक्षित करना है. अगर इस जूते को पहना हुआ शख्स कहीं मलबे में दब जाए तो आसानी से उसका पता लगाकर उसे बाहर निकाला जा सकता है.
ठीक इसी तरह यदि किसी बच्चे का अपहरण हो जाए तो उसका लोकेशन आसानी से प्राप्त किया जा सकता. इसके जरिए पहाड़ी और बर्फबारी वाले क्षेत्र में अगर कोई व्यक्ति तूफान में फंस जाता है तो उसे भी आसानी से ढूंढा जा सकता है.
इस स्मार्ट शूज को बनाने वाले छात्र आदित्य सिंह ने बताया कि हम लोगों ने जो जूता बनाया है इसमें जीपीएस ट्रैकर, हार्ट बीट सेंसर, टेंपरेचर सेंसर, लगा है और इसको जीएसएम मोड से कनेक्ट किया गया है.
आदित्य ने कहा, 'यदि हम इस तरह का शूज पहने हुए रहते हैं और पैनिक सिचुएशन में आते हैं तो हमारे पैरेंट्स के पास और पुलिस के पास नोटिफिकेशन कॉल चली जाएगी कि बच्चा या कोई अन्य व्यक्ति, महिला किसी मुश्किल में है.
इसे बनाने वाले दूसरे छात्र शुभम ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए हम लोगों ने यह शूज बनाया है. जूते की तकनीक को लेकर छात्रों ने बताया कि यदि हमलोग घबरा जाएं तो हमारा तलवा ठंडा हो जाता है.
ऐसी परिस्थिति में शूज में लगे टेंपरेचर सेंसर के माध्यम से जैसे ही टेंपरेचर सेंस करेगा जीपीएस मोड में माता-पिता को कॉल चला जाएगा. वहीं जीपीएस के माध्यम से बच्चों को ट्रैक किया जा सकता है.