
'लप्पू सा सचिन, झींगुर सा लड़का' कहने वाली 'वायरल भाभी' मिथिलेश भाटी (Mithilesh Bhati) चर्चा में हैं. उनपर बॉडी शेमिंग के आरोप लग रहे हैं. इसको लेकर सीमा हैदर (Seema Hidar) और सचिन मीणा (Sachin Meena) के वकील ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है. हालांकि, मिथिलेश का कहना है कि उन्होंने किसी की बॉडी शेमिंग नहीं की, वो तो बस गांव-देहात की भाषा बोल रही है. मिथिलेश के समर्थन में दिल्ली-नोएडा के कुछ वकील भी आ गए हैं, जिन्होंने फ्री में उनका केस लड़ने का वादा किया है. इन सबके बीच एक न्यूज चैनल पर सीमा और मिथिलेश का आमना-सामना हो गया. जहां दोनों के बीच जुबानी जंग देखने को मिली.
सचिन के प्यार में पाकिस्तान से भारत आई सीमा ने लाइव इंटरव्यू में कहा कि पहली बात तो यह है कि मिथिलेश हमारी पड़ोसी नहीं हैं. वो हमारे पड़ोस के गांव की हैं. उन्हें कोई हक नहीं कि मेरे पति पर कमेंट करें. इसके अलावा सीमा ने यह भी कहा कि मिथिलेश के बयान सुनकर मुझे बहुत बुरा लगता है. जैसे उनके (मिथिलेश) पास दिल ही नहीं है क्योंकि वो मोहब्बत वाली कोई बात ही नहीं करती हैं.
जब सीमा की बात सुनकर उखड़ गईं मिथिलेश
इस बीच जब सीमा हैदर ने कहा कि अगर मिथिलेश की बेटी का पति उसे छोड़ दे तो क्या वो फिर भी यही कहेंगी कि 3 साल तक ऐसी ही बैठी रहो. सीमा के मुंह से इतना सुनते ही मिथिलेश उखड़ गईं और उन्होंने कहा- अगर मेरी बेटी होती और वो ऐसा करती तो मैं उसकी गर्दन काट देती.
इतना ही नहीं मिथिलेश ने यह भी कहा कि हमारे यहां पर 10-10 साल तक बॉर्डर पर फौजी पड़े रहते हैं किसी की बहन बेटियां जमीन-घर बेचकर ऐसे नहीं आती. इसके साथ मिथिलेश ने सीमा पर तंज कसते हुए कहा कि जो वो जमीन, जायदाद बेचकर यहां आई है उसमें अपने बच्चों का भविष्य बना सकती थी.
मैंने किसी का अपमान नहीं किया: मिथिलेश भाटी
लीगल नोटिस के सवाल पर मिथिलेश भाटी ने कहा कि मैंने किसी का अपमान नहीं किया है. मेरे मुंह में जो आया मैंने कह दिया. हमारे यहां लप्पू और झींगुर शब्दों का इस्तेमाल आम-बोलचाल की भाषा में गांव-देहात में धड़ल्ले से किया जाता है. मैं नहीं जानती कि बॉडी शेमिंग क्या चीज होती है.
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इससे पहले मिथिलेश ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें 'लप्पी' कहकर चिढ़ा देते हैं लेकिन मैं तो बुरा नहीं मानती और न ही किसी से शिकायत करने जाती हूं. उन्होंने आगे कहा कि लीगल नोटिस का जवाब लीगल तरीके से दिया जाएगा. हालांकि, मेरी मंशा किसी को कुछ गलत कहने की नहीं थी.
इस बीच मिथिलेश को कुछ वकीलों का समर्थन मिला है. बीते दिन दिल्ली हाईकोर्ट और गौतमबुद्धनगर जिला कोर्ट के 10 वकीलों की टीम रबूपुरा पहुंची. इन वकीलों का कहना है- अगर, मिथिलेश को कोई नोटिस भेजा जाता है तो वो फ्री में उनका केस लड़ेंगे.