
छोटे मासूम बच्चों की जिंदगी का दारोमदार मां पर ही होता है. अगर जरा सी लापरवाही हो जाए, तो बच्चे की जान भी जा सकती है. कानपुर में आज ऐसा ही नजारा देखने को मिला. यहां के अरौल इलाके में मोहीपुरवा गांव की रहने वाली 40 साल की रेनू शुक्रवार को दिन का खाना बना रही थी. चूल्हे पर सब्जी चढ़ी थी और पास में ही 3 साल का बच्चा मासूम हनुमान खेल रहा था.
इस दौरान रेनू को टॉयलेट लगी, तो वह बच्चे को चूल्हे के पास ही खेलता छोड़कर वहां से चली गई. उधर, बच्चा चूल्हे में जलती आग के पास पहुंच गया. फिर न जाने क्या हुआ होगा, लेकिन चूल्हे की आग छप्पर से बने घर में फैल गई. यह देखकर रेनू के पड़ोसी घर की तरफ दौड़ पड़े.
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उन्होंने आग को बुझाने के लिए पानी डालना शुरू कर दिया. इस दौरान रेनू भी वापस आ गई. उसने देखा कि घर के बाहर भीड़ लगी है. इस दौरान उसने हनुमान-हनुमान चिल्लाना शुरू कर दिया. ग्रामीण समझ गए कि उसका बच्चा आग में अंदर ही फंस गया है.
किसी तरह से आग की घटना पर काबू पाने के बाद जब वे घर के अंदर दाखिल हुए, तो देखा कि तीन साल का हनुमान बुरी तरह से जल चुका था. उसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी. इस घटना के बाद रेनू का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. बताया जा रहा है कि महिला का पति गंगाराम दिवाकर खेती-बाड़ी का काम करता है. घटना के दौरान वह घर पर नहीं था.
ग्रामीणों का कहना था कि बच्चा अगर छोटा है, तो मां को उस पर ध्यान देना चाहिए था. उसकी जरा सी लापरवाही की वजह से बच्चे की जान चली गई. ग्रामीणों ने रेनू के घर में आग लगने की सूचना स्थानीय पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इसके साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी है.