
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की इस सप्ताह विएना में होने वाली बैठक से पहले चीन ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत की सदस्यता की दावेदारी को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है. चीन ने संकेत दिया है कि गैर एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) देशों के प्रवेश को लेकर नियमों को इस समूह को अंतिम रूप देने के बाद ही इस बारे में विचार किया जाएगा.
इस शुक्रवार को विएना में होगी बातचीत
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ‘इस शुक्रवार को विएना में एनएसजी के पूर्ण सत्र का आयोजन होगा. फिलहाल हमारे रुख में कोई परिवर्तन नहीं है.’लू ने भारत और चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों 4 नवंबर
को हैदराबाद में हुई बैठक का जिक्रकरते हुए कहा कि चीन भारत सहित संबंधित पक्षों के साथ नजदीकी संपर्क में है और इस मुद्दे पर रचनात्मक बातचीत और कोऑर्डिनेट कर रहा है.
हैदराबाद में मिले थे डोभाल और जिएगची
एनएसए अजीज डोभाल ने चीन के एनएसए और स्टेट काउंसलर यांग जिएची के साथ हैदराबाद में बातचीत की थी जिस दौरान मुद्दा कथित तौर पर उठा था. यह बातचीत विएना में 11 और 12 नवंबर को होने वाली 48 सदस्यीय
एनएसजी की बैठक से पहले हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस बैठक में समूह उन नए सदस्यों को शामिल करने के दो चरणीय प्रक्रिया पर चर्चा कर सकता है, जिन्होंने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. एनएसजी की सदस्यता
के लिए आवेदन करने वाले भारत और पाकिस्तान ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.
चीन ने गैर एनपीटी देशों को लेकर दिए सकारात्मक संकेत
चीन ने हाल में भारत के साथ एनएसजी में उसके प्रवेश को लेकर दूसरे दौर की वार्ता के बाद कहा था कि वह पहले उन सभी देशों को शामिल करने पर एक हल का प्रयास करेगा, जिन्होंने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है और
उसके बाद भारत के विशिष्ट आवेदन पर चर्चा करेगा. चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था, ‘एनएसजी में भारत के शामिल होने पर मैं आपको कह सकती हूं कि चीन का रुख बहुत ही स्पष्ट और पहले वाला
ही है.’
चायनिंग ने कहा था, ‘हम एक ऐसा हल निकालने का प्रयास करेंगे जो सभी गैर एनपीटी देशों पर लागू हो और उसके बाद हम संबंधित गैर एनपीटी देश के विशिष्ट आवेदन पर चर्चा करेंगे.’इस मुद्दे पर संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा) अमनदीप सिंह गिल और उनके चीनी समकक्ष वांग कुन के बीच यहां 31 अक्टूबर को हुई बातचीत के दौरान भी चर्चा हुई थी. वह बैठक डोभाल और यांग के बीच हैदराबाद में होने वाली बैठक से पहले हुई थी.
पाकिस्तान के मुकाबले भारत का पलड़ा भारी
चीन इसके साथ ही पाकिस्तान के एनएसजी में प्रवेश को लेकर भी बातचीत कर रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जोर अब एनएसजी द्वारा काम किये जा रहे उस तौर तरीके पर है जो भारत को शामिल कर सके. पाकिस्तान के
विपरीत भारत के परमाणु अप्रसार के रिकॉर्ड को समूह के अधिकतर सदस्य सकारात्मक मानते हैं.