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ट्रंप ने बोल्टन को बनाया नया NSA, उत्तर कोरिया और PAK की टेंशन बढ़ी

जॉन बोल्टन की NSA के पद पर नियुक्ति को उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका की सैन्य कार्रवाई की तैयारी माना जा रहा है. दक्षिण कोरिया के पूर्व विदेश मंत्री रहे किम सुंग-हान का कहना है कि बोल्टन को NSA बनाने का मकसद उत्तर कोरिया को साफ संदेश देना है कि अगर वो कड़ी सैन्य कार्रवाई से बचना चाहता है, तो वार्ता की मेज पर आए.

जॉन बोल्टन जॉन बोल्टन
राम कृष्ण
  • वॉशिंगटन/नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जॉन बोल्टन को अपना नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है, जिसके बाद से उत्तर कोरिया, पाकिस्तान और ईरान की चिंता बढ़ गई है. बोल्टन का पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और ईरान को लेकर बेहद सख्त रुख है.

NSA नियुक्त किए जाने के बाद एक साक्षात्कार के दौरान बोल्टन ने इस बाबत साफ संकेत भी दे दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उत्तर कोरिया की तरह ही है. इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए. माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की विदेश नीति को आक्रामक बनाने के लिए ही बोल्टन की नियुक्ति की है.

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उनकी नियुक्ति को उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका की सैन्य कार्रवाई की तैयारी माना जा रहा है. दक्षिण कोरिया के पूर्व विदेश मंत्री रहे किम सुंग-हान का कहना है कि बोल्टन को NSA बनाने का मकसद उत्तर कोरिया को साफ संदेश देना है कि अगर वो कड़ी सैन्य कार्रवाई से बचना चाहता है, तो वार्ता की मेज पर आए.

कोरियाई प्रायद्वीप और एशिया में तनाव गहराने की आशंका

रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक मेहता ने aajtak.in के साथ बातचीत में कहा कि बोल्टन की नियुक्ति से कोरिया प्रायद्वीप समेत पूरे एशिया में तनाव गहराने की आशंका बढ़ गई है. उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच एक बार फिर से जंग के हालात पैदा हो सकते हैं. इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि बोल्टन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने से अमेरिका और रूस के बीच जुबानी जंग भी तेज हो सकती है.

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उत्तर कोरिया पर हमले के हिमायती हैं बोल्टन

वहीं, सीएनएन के मुताबिक बोल्टन ने डोनाल्ड ट्रंप से वादा किया है कि अगर उनको राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया जाता है, तो वो किसी भी तरह की जंग नहीं होने देंगे. हालांकि हकीकत यह है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत रह चुके जॉन बोल्टन किसी भी विदेशी मसले को कूटनीति की बजाय सैन्य कार्रवाई के जरिए सुलझाने पर यकीन रखते हैं. वह उत्तर कोरिया पर हमला करने और ईरान के साथ परमाणु समझौते को रद्द करने के हिमायती हैं.

नौ अप्रैल को बोल्टन संभालेंगे पदभार

अमेरिका के कुछ समूहों का यह भी कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक 'युद्ध कैबिनेट' (War Cabinet) बना रहे हैं. ट्रंप ने ट्विटर पर कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नौ अप्रैल 2018 से जॉन बोल्टन मेरे नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे.” संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के राजदूत रह चुके बोल्टन को लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर की जगह NSA नियुक्त किया गया है.

किम और ट्रंप की मुलाकात से पहले हुई नियुक्ति

मैकमास्टर को हटाने और बोल्टन को नया NSA नियुक्त किए जाने को अमेरिका की बदलती विदेश नीति का हिस्सा माना जा रहा है. उनकी नियुक्ति उस समय सामने आई है, जब उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक-दूसरे से मुलाकात करने जा रहे हैं. मई में दोनों के बीच मुलाकात होने के आसार हैं. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति यह भी कह चुके हैं कि अगर उनको लगा कि बातचीत के कोई सकारात्मक नतीजे नहीं निकलेंगे, तो वो बैठक से फौरन निकल जाएंगे.

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