Advertisement

US की फिक्र- आतंकियों के हाथ लग सकते हैं PAK के परमाणु हथियार

अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को घोषित की गई दक्षिण एशिया रणनीति में इस बात का जिक्र किया गया था कि परमाणु हथियार या उपकरण गलत हाथों में पड़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि इन्हीं खतरों के कारण इन नीतियों में भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत पर जोर दिया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
सुरभि गुप्ता/BHASHA
  • वाशिंगटन,
  • 25 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

ट्रंप प्रशासन को इस बात की चिंता है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार और सामग्री कहीं आतंकी समूहों के हाथ ना लग जाएं।.सामरिक हथियारों के विकास के साथ-साथ यह चिंता और गहरी हो गई है. यह बात अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही है.

ट्रंप प्रशासन के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि व्यापक समीक्षा के दौरान सबसे बड़ा मुद्दा क्षेत्र में पनप रहा परमाणु हथियारों से जुड़ा खतरा है जो लगातार चर्चा का विषय बना रहा और अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

Advertisement

अधिकारी ने कहा कि यह मामला दक्षिण एशियाई रणनीति का बेहद संवेदनशील हिस्सा है. अपना नाम गुप्त रखते हुए इस वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप सरकार इस बात को लेकर चिंतित है कि पाकिस्तान में परमाणु हथियार और सामग्री आतंकी समूहों या लोगों के हाथ लग सकती हैं.

अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सोमवार को घोषित की गई दक्षिण एशिया रणनीति में इस बात का जिक्र किया गया था कि परमाणु हथियार या उपकरण गलत हाथों में पड़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि इन्हीं खतरों के कारण इन नीतियों में भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत पर जोर दिया गया है.

भारत-PAK के बीच भरोसा बनाना होगा: अमेरिका

अधिकारी ने कहा, 'इसमें (दक्षिण एशिया नीति) दो परमाणु संपन्न देश, भारत और पाकिस्तान के बीच गहरे हो रहे तनाव को प्राथमिकता दी जा रही है और उन तरीकों के बारे में विचार किया जा रहा है जिससे दोनों देशों के बीच के तनाव को कम किया जा सके और इनके बीच किसी भी तरह के सैन्य मुकाबले से बचा जा सके.' अधिकारी ने बताया कि इस नीति में भारत और पाकिस्तान के बीच भरोसा पैदा करने के उपायों पर गौर किया गया है और उन्हें बातचीत के लिए प्रोत्साहित करना भी इसका हिस्सा है.

Advertisement

आतंकियों को पनाह देता है PAK: ट्रंप

ट्रंप ने सोमवार को अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया की अपनी नीति में परमाणु हथियारों के खतरे की बात कही थी. राष्ट्र के नाम अपने पहले प्राइम टाइम संबोधन में उन्होंने कहा था, 'अपनी ओर से पाकिस्तान अक्सर अराजक, हिंसक और आतंक के एजेंटों को सुरक्षित पनाह देता है. यह खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियारों से संपन्न देश हैं और दोनों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों का युद्ध में तब्दील होने का खतरा है और ऐसा हो सकता है.'

भारत-PAK के बीच तनाव कम करने की जरूरत

अमेरिकी विशेषज्ञ स्टीफन टैंकल ने हाल ही में सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी को लिखा था, 'भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव कम करने और अमेरिकी लोगों एवं क्षेत्र के मूलभूत ढांचें के खिलाफ आतंकी हमलों को रोकने में अमेरिका का हित शामिल है.' उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान युद्ध क्षेत्र में प्रयोग करने के लिए परमाणु क्षमता वाले सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल ‘नस्र’ को विकसित कर रहा है ताकि वह पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमलों पर भारतीय सेना द्वारा सीमा पर की गई कार्रवाई को रोक सके.

आंतरिक खतरों से महफूज नहीं PAK के परमाणु हथियार

टंकेल ने कहा, 'पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के बारे में सबसे बड़ी चिंता है कि वह आंतरिक खतरों से महफूज नहीं हैं. असल में, इन हथियारों का आंतकी हाथों में जाने की आशंका है, जिनका भारत से युद्ध की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है.' उन्होंने कहा, ‘यहां तक की कुछ पाकिस्तानी विशेषज्ञों का भी मानना है कि एक बार इन्हें मैदान में उतार देने के बाद पाकिस्तानी सेना के लिए भी इन हथियारों की पूरी सुरक्षा सुनश्चित करना मुश्किल होगा.'

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement